पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और लद्दाख के 150 अन्य प्रदर्शनकारियों को दिल्ली पुलिस दोबारा हिरासत में ले लिया है। जबकि अनिश्चितकालीन अनशन बुधवार को भी जारी रखा है।
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सोनम वांगचुक ने कहा कि शांति और लोकतंत्र को प्रदर्शित करने वाले दिवस गांधी जयंती पर उनके अधिकारों को ‘‘कुचल दिया गया’’ है।
वांगचुक ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ का नेतृत्व कर रहे थे, जो एक महीने पहले लेह से शुरू हुई थी।उन्हें सोमवार रात हिरासत में लिया गया।
‘लेह एपेक्स बॉडी’ के समन्वयक जिगमत पलजोर ने बुधवार सुबह जारी एक बयान में कहा कि 24 घंटे से अधिक समय से जारी उनकी हिरासत अवैध है।
पलजोर ने कहा, ‘‘हम पदयात्री खुद को एक खतरनाक स्थिति में पा रहे हैं। हमें 24 घंटे से ज्यादा समय से हिरासत में रखा गया है। यह हिरासत अवैध है, 24 घंटे की अवधि बीत चुकी है और हमें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ समूहों को 24 घंटे के अंदर रिहा कर दिया गया और फिर थाने वापस बुला लिया गया। बीती रात को पुलिस ने हमें जबरन एक अज्ञात स्थान पर ले जाने का प्रयास किया, लेकिन हम विरोध में डटे रहे।’’
पलजोर ने बयान में कहा, ‘‘बवाना थाने में हमारे फोन जब्त कर लिए गए हैं, जिससे हम बाहरी दुनिया से कट गए हैं।’’
दिल्ली पुलिस ने हालांकि कहा कि ‘पदयात्रियों’ को बीती रात रिहा कर उन्हें फिर से हिरासत में लिया गया था।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-’ को बताया कि वांगचुक और हिरासत में लिए गए लद्दाख के अन्य नागरिकों को मंगलवार रात रिहा कर दिया गया था लेकिन वे दिल्ली के मध्य भाग की ओर मार्च करने पर अड़े रहे, इसलिए उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया।
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