शिया वक्फ बोर्ड ने संशोधन विधेयक के लिए सरकार को दिया धन्यवाद

Last Updated 12 Aug 2024 05:02:24 PM IST

संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के लिए शिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों ने सरकार को धन्यवाद दिया है।


शिया वक्फ बोर्ड ने संशोधन विधेयक के लिए सरकार को दिया धन्यवाद

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर बोर्ड के सदस्यों से मुलाकात का एक वीडियो पोस्ट किया है। उन्होंने पोस्ट में लिखा है, “वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 लाने के लिए दिल्ली शिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार का आभार व्यक्त किया।“

वीडियो में बोर्ड के एक सदस्य कह रहे हैं, “ऊपरवाला रिजिजू को तरक्की दे। हर गरीब की दुआ उनके साथ है। आपने हमारी बातें सुनी, इसके लिए हम आपके बहुत शुक्रगुजार हैं।“ इसके बाद उन्होंने रिजिजू को शॉल ओढ़ाया।

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 गत 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था। विपक्ष के विरोध के बाद इसे संसद की स्थायी समिति को भेज दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि 'वक्फ' अरबी का शब्द है जिसका मतलब खुदा के नाम पर ली गई वस्तु या परोपकार के लिए दिया गया धन होता है। इसमें चल और अचल दोनों संपत्तियों को शामिल किया जाता है। कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्ति वक्फ कर सकता है। अगर एक बार कोई संपत्ति वक्फ हो गई तो वह वापस नहीं ली जा सकती।

वक्फ संपत्ति के प्रबंधन का काम करने वाला वक्फ बोर्ड एक कानूनी इकाई है। देश में शिया और सुन्नी के अलग-अलग वक्फ बोर्ड हैं।

वक्फ बोर्ड को मुकदमा चलाने की शक्ति भी है। इसमें अध्यक्ष के अलावा राज्य सरकार के सदस्य, मुस्लिम विधायक, सांसद, राज्य की बार काउंसिल के सदस्य और इस्लाम के विद्वानों को शामिल किया जाता है।

वक्फ बोर्ड वक्फ की संपत्तियों के प्रबंधन के अलावा वक्फ में मिले दान से शिक्षण संस्थान, मस्जिद, कब्रिस्तान और रैन-बसेरों का निर्माण और रखरखाव भी करता है।

देश में सबसे पहले 1954 में वक्फ एक्ट बना। इसी के तहत वक्फ बोर्ड का भी जन्म हुआ। इस कानून का मकसद वक्फ से जुड़े कामकाज को सरल बनाना था। एक्ट में वक्फ की संपत्ति पर दावे और रखरखाव तक का प्रावधान हैं। इसमें 1955 में पहला संशोधन किया गया। 1995 में एक नया वक्फ अधिनियम बना। इसके तहत हर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में वक्फ बोर्ड बनाने की अनुमति दी गई। बाद में साल 2013 में इसमें संशोधन किया गया था।

वक्फ बोर्ड का गठन 1964 में वक्फ अधिनियम 1954 के आधार पर किया गया था। बोर्ड का निर्माण इसकी कार्यप्रणाली और इसके प्रशासन से संबंधित मामलों में केन्द्र सरकार के सलाहकार निकाय के रूप में किया गया था। इसकी परिषद का अध्यक्ष भारत सरकार का केंद्रीय मंत्री होता है।

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो देश में वक्फ बोर्ड के पास आठ लाख एकड़ से अधिक जमीन है। वर्ष 2009 में केवल चार लाख एकड़ जमीन थी, लेकिन इसके बाद वक्फ की जमीन में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इस जमीन के अधिकांश हिस्से पर मस्जिद, मदरसा, और कब्रिस्तान हैं। वक्फ बोर्ड की संपत्ति की कीमत करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है।

देश में उत्तर प्रदेश और बिहार से संचालित दो शिया वक्फ बोर्ड समेत कुल 32 वक्फ बोर्ड हैं। भारतीय रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद देश में सबसे अधिक संपत्ति सम्मिलित रूप से वक्फ बोर्डों के पास है।

वक्फ बोर्ड पर विवाद की जड़ में वक्फ अधिनियम का सेक्शन 40 है। इसके तहत बोर्ड को ‘रीजन टू बिलीव’ की शक्ति दी गई है। आर्टिकल 40 के अनुसार यदि बोर्ड को लगता है कि कोई संपत्ति वक्फ की संपत्ति है तो वह खुद ही इसकी जांच कर सकता है और इस संपत्ति के वक्फ का होने का दावा पेश कर सकता है। अगर इससे किसी को समस्या है तो वह व्यक्ति या संस्था अपनी आपत्ति को वक्फ ट्रिब्यूनल के पास दर्ज करा सकता है। इसके बाद ट्रिब्यूनल के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। लेकिन, यह प्रक्रिया काफी जटिल हो जाती है।

दूसरे शब्दों में कहें तो अगर कोई संपत्ति एक बार वक्फ घोषित हो जाती है तो उसे वक्फ से लेना बहुत ज्यादा मुश्किल है। इसी वजह से कई विवाद सामने आए हैं।

एक हालिया उदाहरण 2022 में तमिलनाडु का है जहां वक्फ बोर्ड ने हिंदुओं के एक पूरे गांव जिसका नाम थिरुचेंदुरई था, पर दावा ठोक दिया। इसके अलावा बेंगलुरु का ईदगाह मैदान विवाद भी चर्चा में रहा है। इस पर वक्फ बोर्ड 1950 से वक्फ संपत्ति होने का दावा कर रहा है।

एक विवाद सूरत नगर निगम भवन का है, जिसके वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा रहा। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि इस जमीन को मुगल काल से ही सराय के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है।

इस अधिनियम में संशोधन के पीछे सरकार का तर्क है कि वक्फ बोर्डों को असीमित स्वायत्तता है। नये संशोधनों का उद्देश्य वक्फ में पारदर्शिता लाना है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment