हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर भारतीय शेयर बाजार को लेकर राहुल गांधी का दावा फेल, सोशल मीडिया पर यूजर्स दे रहे प्रतिक्रिया
सोमवार की सुबह भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुला। सेंसेक्स ने 300 से ज्यादा अंकों की छलांग के साथ ओपनिंग शुरू की। बेंचमार्क इंडेक्स हरे निशान पर लौटे। जबकि हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से सेबी पर लगाए गए आरोप के बाद यह दावा किया जा रहा था कि घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट देखने को मिलेगी। हालांकि दावे के अनुसार घरेलू शेयर बाजार सोमवार को गिरावट के साथ शुरू तो हुआ लेकिन इसने जल्द ही रफ्तार पकड़ ली और उसने संभलते हुए 300 से ज्यादा अंक की वृद्धि दर्ज कर ली।
राहुल गांधी |
इसके बाद बाजार विशेषज्ञों ने भी कहना शुरू कर दिया कि अंतरराष्ट्रीय शोध कंपनी के नकारात्मक रिपोर्ट के बाद भी घरेलू शेयर बाजार ने इस रिपोर्ट के दावे को खारिज कर दिया है। सेंसेक्स और निफ्टी में जारी तेजी ने बाजार का रूख बता दिया। जबकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चिंता जताई थी कि देशभर के ईमानदार निवेशकों के मन में सरकार के लिए कई सवाल हैं। जैसे, सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अगर निवेशकों की गाढ़ी कमाई डूब जाती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? उन्होंने यह इल्जाम भी लगाया था कि सेबी अध्यक्ष के खिलाफ लगे आरोपों से लगता है कि संस्था की शुचिता के साथ गंभीर समझौता हुआ है, ऐसे में क्या उच्चतम न्यायालय इस मामले पर फिर स्वत: संज्ञान लेगा।
राहुल गांधी ने इसके साथ ही कहा था कि देश भर के लोगों ने अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई को बाजार में निवेश किया है। ऐसे में इस रिपोर्ट के बाद उनका निवेश रिस्क जोन में पहुंच गया है।
लेकिन, जिस तरह से आज ओपनिंग के बाद से बाजार का रूख नजर आ रहा है उससे तो साफ पता चलता है कि यह बाजार की सामान्य प्रक्रिया है। क्योंकि शेयर बाजार इतनी गिरावट या उछाल के साथ तो हर रोज खुलता या बंद होता है। इस रिपोर्ट का भारतीय बाजार पर ना तो कोई असर नजर आ रहा है और ना ही निवेशकों का विश्वास घरेलू शेयर बाजार को लेकर डिगा है। ऐसे में यह रिपोर्ट स्वतः खारिज हो जा रही है।
ऐसे में राहुल गांधी के भारतीय शेयर बाजार को लेकर रिपोर्ट के बाद किए गए दावों पर सोशल मीडिया पर यूजर्स भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। लोग लिख रहे हैं कि सेंसेक्स सकारात्मक रूख के साथ शुरू हुआ है और 300 अंक ऊपर है। यह भारतीय निवेशकों द्वारा राहुल गांधी और उनके सहयोगी हिंडनबर्ग को करारा तमाचा है। राहुल गांधी ने यह डर फैलाया कि शेयर बाजार में निवेश किया गया भारतीयों का पैसा खतरे में है, बाजार ढह जाएगा। उन्होंने बाजार को गिराने के लिए ऐसा किया। उन्होंने हिंडनबर्ग एजेंडा चलाने के लिए भुगतान भी किया। निवेशकों ने रिपोर्ट देखी और कुछ नहीं पाया, वे जानते हैं कि हिंडनबर्ग भारत के खिलाफ एजेंडा चला रहा है, जिसका समर्थन केवल राहुल गांधी कर रहे हैं।
वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक और अन्य यूजर ने लिखा कि राहुल गांधी ने रविवार को भारतीय शेयर बाजार पर हमला करने की पुरजोर कोशिश की। उन्होंने सोचा कि सोमवार को बाजार गिर जाएगा और उनके पास मोदी सरकार पर हमला करने का एक और मौका होगा। उन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर ट्वीट करने के लिए कई खातों को ₹5,000/- की पेशकश भी की, लेकिन, भारतीय शेयर बाजार ने कांग्रेस को करारा जवाब दिया।
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, राहुल गांधी द्वारा सेंसेक्स को नुकसान पहुंचाने और भारत में मध्यम वर्ग को बड़ा नुकसान पहुंचाने और भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की आर्थिक साजिश विफल हो गई है। अभी तक बाजार स्थिर है, राहुल गांधी के देर शाम आए इस बयान को भारत ने खारिज कर दिया है।
वहीं एक अन्य यूजर ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए लिखा, बधाई हो राहुल गांधी भारतीयों से 'प्रामाणिक' हिंडेनबर्ग रिपोर्ट के आधार पर भारतीय शेयर बाजारों का बहिष्कार करने के लिए कहने के लिए। लोगों ने आपकी बात सुनी और इस तरह प्रतिक्रिया दी। आप एक सच्चे 'नेता' हैं। सेंसेक्स 192.20 अंक या 0.24% बढ़कर 79,898.11 पर और निफ्टी 41.60 अंक या 0.17% बढ़कर 24,409.10 पर नजर आ रहा है।
वहीं एक और यूजर ने लिखा हैलो, राहुल गांधी देखो... देखो ना आज का स्टॉक मार्केट कैसे भाग रहा है, हिंडनबर्ग का प्रोपेगेंडा आपका पूरी तरह ही फेल हो गया। 5000 रुपए देकर ट्वीट करवाने का कोई फायदा नहीं हुआ, सारा पैसा आपका बर्बाद हो गया।
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