वक्फ बोर्ड को बनाया गया निजी जागीर, कोई पारदर्शिता नहीं : शाजिया इल्मी
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया जिसका कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों के नेता विरोध कर रहे हैं।
भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाजिया इल्मी |
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने कहा कि मुसलमान के साथ भेदभाव की दुहाई देने वाले सभी राजनीतिक दलों से मैं पूछना चाहती हूं कि जिस तरीके से मुसलमान के पास वक्फ बोर्ड की जमीन है, सेंटर का वक्फ बोर्ड हो या फिर स्टेट का वक्फ बोर्ड हो, इतनी ज्यादा संपत्ति और लैंड होने के बावजूद उस समुदाय में इतनी ज्यादा बदहाली क्यों है। इतनी ज्यादा गरीबी क्यों है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं यह भी जानना चाहती हूं कि अब से 15 साल पहले जो जमीन 4:30 लाख करोड़ एकड़ थी, वह 9 लाख करोड़ एकड़ कैसे हो गई। कौन है वो लोग जिन्होंने इस तरीके से जमीन दी है और इन जमीनों के साथ अब तक क्या कुछ किया गया है। दरअसल ये सारे के सारे जो वक्फ बोर्ड हैं, पूरी तरीके से इसे निजी जागीर के तौर से चलाया जा रहा है और इसमें कोई पारदर्शिता नहीं है। यह मजहबी तौर पर जागीरदार बने हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में बिल के पक्ष में बोलते हुए कहा, "इस बिल से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होता। किसी के अधिकार छीनने की बात तो भूल ही जाइए। यह बिल उन लोगों को अधिकार देने के लिए लाया गया है, जिन्हें कभी अधिकार नहीं मिले। विपक्ष मुसलमानों को गुमराह कर रहा है। कल रात मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल मेरे पास आए। कई सांसदों ने मुझे बताया कि माफियाओं ने वक्फ बोर्डों पर कब्जा कर लिया है। कुछ सांसदों ने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से इस विधेयक का समर्थन करते हैं, लेकिन अपनी राजनीतिक पार्टियों के कारण ऐसा नहीं कह सकते। हमने इस विधेयक पर देश भर में बहुस्तरीय विचार-विमर्श किया है।"
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