सीमा पर भारत मजबूत, बुनियादी ढांचा बेहतर, लद्दाख में एयरफील्ड

Last Updated 07 Jul 2024 08:18:11 PM IST

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवाल करते हुए कहा है कि चीन पैंगोंग त्सो के पास उस जमीन पर सैन्य अड्डा कैसे बना सकता है, जो मई 2020 तक भारत के कब्जे में था? हालांकि, इस विषय पर रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन द्वारा तैयार किया गया इंफ्रास्ट्रक्चर एलएसी से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर है। वहीं, बॉर्डर एरिया में भारत ने अपना इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया है।


सीमा पर भारत मजबूत, बुनियादी ढांचा बेहतर, लद्दाख में एयरफील्ड

गौरतलब है कि हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी बता चुके हैं कि पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से चीन से सटी सीमा पर बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए भारत के बजट में बढ़ी वृद्धि हुई है। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो चीन से सटी सीमा पर बुनियादी ढांचे का बजट केवल 3,500 करोड़ रुपए था। अब यह  14,500 करोड़ रुपए हो गया है। विदेश मंत्री यह भी कह चुके हैं कि 1962 के युद्ध से सबक लेना चाहिए था। लेकिन, 2014 तक सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास में प्रगति नहीं हुई। मोदी सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए बजट 14,500 करोड़ रुपये कर दिया है।

1950 में तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को चीन के प्रति आगाह किया था। लेकिन, नेहरू ने वह खारिज कर दिया। विदेश मंत्री के मुताबिक उस समय नेहरू की सोच थी कि चीन भारत पर हमला करने के लिए हिमालय पार नहीं करेगा।

उधर, रक्षा विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि भारत के सीमावर्ती इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर लंबे समय तक ध्यान नहीं दिया गया। हालांकि, अब इसमें बड़े स्तर पर बदलाव देखा जा रहा है। उत्तरी सीमा पर यदि भारतीय बुनियादी ढांचे की बात की जाए, तो बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) ने पूर्वी लद्दाख के न्योमा में एयरफील्ड का काम शुरू किया है।

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक इसे लद्दाख में अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों के लिए स्टेजिंग ग्राउंड के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह दुनिया के सबसे ऊंचे हवाई क्षेत्रों में से एक होगा, जो हमारे सशस्त्र बलों के लिए एक गेम चेंजर जैसा होगा। न्योमा इलाके में बनाई जा रही यह एयरफील्ड विश्व का सबसे ऊंचा लड़ाकू हवाई क्षेत्र होगा। इसके अलावा कश्मीर, उत्तराखंड व उत्तर पूर्वी राज्यों से लगे सीमावर्ती इलाकों में भी बॉर्डर एरिया के आसपास सैन्य सुविधाओं में इजाफा किया गया है।

आईएएनएस
दिल्ली


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