Excise policy case: के. कविता की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई 4 अप्रैल को
Excise policy case: बीआरएस नेता के. कविता ने अदालत में अपनी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर आरोप लगाया कि वह एक उत्पीड़क एजेंसी की तरह काम कर रहा है। उसके दृष्टिकोण में कोई निष्पक्षता नहीं है।
बीआरएस नेता के. कविता |
कविता वर्तमान में आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। उसकी अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई अब 4 अप्रैल को होगी।
कविता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष जमानत याचिका पर यह तर्क रखा।
उन्होंने कहा कि ईडी गिरफ्तार नहीं करती और रोजाना एक सम्मन भेजकर खुश होती है जैसे रोजाना एक सेब खाना डाक्टर से दूर रखता है। वह उत्पीड़न करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि वह दोनों अंतरिम जमानत और नियमित जमानत पर अपना पक्ष रख रहे हैं। उसे अंतरिम राहत मिल जाती है या अस्वीकार की जाती है तो भी अंतिम राहत पाने का रास्ता खुला रहता है।
उन्होंने कहा कि कविता को गिरफ्तार करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। वह जांच में सहयोग कर रही है।
सिंघवी ने यह भी कहा कि ईडी ने कविता को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया जब एएसजी एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट को दिए अपने कथित मौखिक वचन को वापस ले लिया कि ईडी उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी। वह एक ऐसी महिला हैं जिनकी जड़ें समाज में है। क्या वह घोषित अपराधी हैं? क्या वह भाग सकती हैं? क्या वह किसी को पकड़ सकती हैं?
कविता को 26 मार्च को 9 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
ईडी एवं आयकर विभाग के उनके हैदराबाद आवास की तलाशी के कुछ घंटों बाद ईडी ने उन्हें 15 मार्च की शाम को गिरफ्तार कर लिया था।
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