INDIA Rally : लोकतंत्र बचाओ रैली से इंडिया गठबंधन की एकजुटता का संदेश देने की रणनीति
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध दिल्ली में रविवार को होने वाली इंडिया गठबंधन की महारैली को अब लोकतंत्र बचाओ की थीम दे दी गई है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल |
पहले यह रैली केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध को लेकर होने वाली थी लेकिन गठबंधन के कई नेता रैली में आने के लिए तैयार नहीं है। इसके पीछे विपक्ष के दलों की अपनी राजनीतिक मजबूरियां थीं।
गठबंधन शामिल कई दलों के नेता केजरीवाल के पीछे खड़े होकर उन्हें विपक्ष का हीरो बनने के लिए तैयार नहीं थे।
इसके साथ ही विपक्ष के कई नेताओं को इस बात पर भी आपत्ति थी कि भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए अरविंद केजरीवाल के नाम पर रैली आयोजित की गई तो भाजपा इसका राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश करेगी ऐसे में यह तय किया गया कि रविवार की रैली को लोकतंत्र बचाओ रैली का नाम दिया जाए।
इस थीम के द्वारा जहां भाजपा को घेरने में आसानी रहेगी तो वही देश की जनता को यह संदेश भी देने में सफलता मिलेगी कि विपक्ष देश के मुद्दों पर आम जनता की लड़ाई लड़ रहा है। लोकतंत्र बचाने के नाम पर रैली के आयोजन से चुनाव से पहले विपक्ष अपनी एकजुटता का संदेश देने की रणनीति पर भी काम कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि कि भाजपा लगातार इंडिया गठबंधन की एक जुटता पर सवाल उठा रही है। सीट शेयरिंग को लेकर भी कई राज्यों में जिस तरीके से तमाशा हुआ उससे भी इंडिया गठबंधन को लेकर जनता के बीच में ठीक संदेश नहीं गया है।
ऐसे में गठबंधन के नेताओं को लग रहा है कि रैली न केवल भाजपा के प्रोपेगेंडा का जवाब होगी बल्कि देश की जनता को यह संदेश देने में भी सफल रहेगी कि इंडिया गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है और आम जनता तथा राष्ट्र से जुड़े हुए मुद्दों पर वह भाजपा को चुनौती देने के लिए तैयार है।
रैली में महंगाई, बेरोजगारी, जांच एजेंसियों की कार्रवाई तथा विपक्ष के नेताओं को प्रताड़ित करने व इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन के नेता मोदी सरकार पर जमकर हमला बोलने की तैयारी में है। मुंबई के शिवाजी पार्क की महारैली के बाद यह इंडिया गठबंधन की दूसरी ऐसी रैली है जो देश की राजधानी दिल्ली में हो रही है।
रैली के गंभीरता को इसी बात से समझा जा सकता है कि इसमें कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, अखिलेश यादव, शरद पवार, तेजस्वी यादव, लालू यादव, एमके स्टालिन जैसे विपक्ष के तमाम बड़े धुरंधर नेताओं के अलावा देश में विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी भाग लेंगे।
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