Afzal Ansari: SC ने बसपा नेता अफजाल अंसारी की सजा निलंबित की, संसद में मतदान करने से मना किया

Last Updated 15 Dec 2023 07:19:18 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गैंगस्टर एक्ट मामले में बसपा नेता अफजाल अंसारी की सजा निलंबित कर दी, जिससे उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ हो गया।


अंसारी जेल में बंद डॉन मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं। उन्‍हें मई में सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था, क्‍योंकि गाजीपुर में एमपी/एमएलए मामलों की एक विशेष अदालत ने अप्रैल में उन्हें चार साल कैद की सजा सुनाई थी और उन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

शीर्ष अदालत के न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि अफजाल अंसारी "सदन की कार्यवाही में भाग लेने के हकदार नहीं होंगे" और उन्हें संसद में अपना वोट डालने का अधिकार नहीं होगा।

पीठ ने स्पष्ट किया कि उन्हें भविष्य में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा और यदि वह निर्वाचित होते हैं, तो ऐसा चुनाव इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित अपील के परिणाम के अधीन होगा।

इसमें कहा गया है, "उच्च न्यायालय अपीलकर्ता की आपराधिक अपील पर शीघ्रता से और 30.06.2024 से पहले फैसला करने का प्रयास करेगा।"

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसने अफजाल अंसारी को जमानत दे दी थी, लेकिन उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। परिणामस्वरूप, हालाँकि उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया, लेकिन संसद की उनकी सदस्यता बहाल नहीं की गई।

शीर्ष अदालत के समक्ष यूपी सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम.नटराज ने दलील दी थी कि सजा पर रोक या निलंबन एक अपवाद के रूप में दिया जाना चाहिए, न कि नियम के रूप में।

अफजाल अंसारी ने अपनी अपील में दलील दी थी कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में उनकी कथित संलिप्तता के आधार पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था और उस मामले में उन्हें बरी कर दिया गया है।

इस साल अगस्त में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर अफजाल अंसारी को नोटिस जारी किया था, जिसमें गैंगस्टर एक्ट मामले में उनकी सजा बढ़ाने की मांग की गई थी।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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