प्रोफेसर एके भागी फिर बने डूटा अध्यक्ष, प्रतिद्वंदी आदित्य नारायण मिश्रा को 395 मतों से दी मात

Last Updated 28 Sep 2023 09:27:15 AM IST

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) चुनाव के नतीजे आ गए हैं। एनडीटीएफ शिक्षक संगठन के प्रोफेसर एके भागी को एक बार फिर डूटा का अध्यक्ष चुना गया है।


डूटा चुनाव में प्रोफेसर भागी को 4182 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी आदित्य नारायण मिश्रा को 3787 वोट मिले। एके भागी 395 मतों से विजयी रहे।

दिल्ली विश्वविद्यालय में कई विपक्षी शिक्षक संगठनो ने शिक्षक संघ (डूटा) चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक यूनाइटेड टीचर्स अलायंस का गठन किया था। इस गठबंधन ने डूटा अध्यक्ष पद के लिए डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया था। आदित्य नारायण आम आदमी पार्टी के शिक्षक विंग से जुड़े हैं। आम आदमी पार्टी से जुड़े होने के बावजूद उन्हें कांग्रेस, लेफ्ट व अन्य विपक्षी शिक्षक संगठनों का समर्थन हासिल है।

वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के मौजूदा अध्यक्ष व फिर से अध्यक्ष का चुनाव लड़े प्रोफेसर एके भागी बीजेपी के करीबी हैं। यह चुनाव बुधवार को चुनाव हुए थे। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक शिक्षकों ने वोट डाले। इसके बाद बुधवार शाम 6 बजकर 30 मिनट से वोटो की गिनती शुरू हो गई थी।

डूटा कार्यकारिणी में नियुक्त 15 सदस्यों के परिणाम भी घोषित कर दिए गए हैं। एनडीटीएफ शिक्षक संगठन के पांचों उम्मीदवार विजयी घोषित किए गए। इसमें डॉ.कमलेश रघुवंशी, डॉ.चमन सिंह, अदिति नारायणी पासवान, डॉ. आकांक्षा खुराना विजयी रहे। इनके अलावा जीतने वाले अन्य उम्मीदवार डॉ.त्रियम्बक चुंबक को 6929 मत, डॉ. आभादेव 6918 डॉ.अमित सिंह, 6816 डॉ.रुद्रशीष चक्रवर्ती 5688, डॉ.सुधांशु कुमार 5264, डॉ.एन .सचिन 5197, डॉ.देवनंदन 4939, डॉ.बिमलेंद्र तीर्थंकर 4769, डॉ.आनंद प्रकाश 4517, डॉ.अनिल कुमार को 4296 और डॉ.संजीव कौशल को 4109 मत मिले। बाकी 6 सदस्यों की बुरी तरह हार हुई। डीटीएफ व एएडीटीए का एक-एक उम्मीदवार हार गया।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के चुनाव में एनडीटीएफ व डेमोक्रेटिक यूनाइटेड के बीच सीधा मुकाबला था। अध्यक्ष पद के लिए एनडीटीएफ की ओर से दयालसिंह कॉलेज में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर ए.के.भागी थे। वहीं डेमोक्रेटिक यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन की ओर से अरबिंदो कॉलेज के शिक्षक डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा चुनाव मैदान में थे।

बता दें कि एक दशक बाद विश्वविद्यालय व कॉलेजों में स्थायी नियुक्ति व पदोन्नति होने के कारण सबसे अधिक वोट पोल हुआ। चुुुुनाव में 9,565 सदस्यों में से 8187 ने वोट डाला।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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