महिला से गैंगरेप मामले में दिल्ली पुलिस आयुक्त को अवमानना नोटिस जारी
अदालत ने एक महिला से कथित सामूहिक बलात्कार के मामले में दिल्ली पुलिस आयुक्त को अवमानना नोटिस जारी किया है।
महिला से गैंगरेप मामले में दिल्ली पुलिस आयुक्त को अवमानना नोटिस |
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने कहा कि पीड़िता के संगम विहार के (एसएचओ) के समक्ष शिकायत दाखिल करने के लगभग 36 दिन बाद प्राथमिकी दर्ज की गई।
क्यों न अवमानना की कार्रवाई की जाए
गत महीने तीन अदालती आदेश जारी करने के बावजूद पुलिस आयुक्त की ओर से जानबूझकर उसका पालन नहीं किया गया। इसलिए पुलिस आयुक्त को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है। वे बताएं कि कोर्ट आदेशों का पालन न करने को लेकर उनके खिलाफ क्यों न अवमानना की कार्रवाई की जाए।
डीसीपी ने धोखाधड़ी का अपराध किया
न्यायाधीश ने पुलिस आयुक्त की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) दक्षिण दिल्ली को अधिकृत किए जाने संबंधी कोई सामग्री प्रस्तुत नहीं करने का जिक्र करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि डीसीपी (दक्षिण) ने धोखाधड़ी का अपराध किया है। उनको नोटिस जारी कर पूछा जाता है कि उपरोक्त अपराध के लिए कानूनों का पालन नहीं करने को लेकर उनके खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए क्यों न आवश्यक कदम उठाए जाए।
पुलिस अधिकारियों का इरादा अदालती आदेशों को दरकिनार करने जैसा
अदालत ने कहा कि घटना के विवरण से अनुमान लगाया जा सकता है कि डीसीपी (दक्षिण) और पुलिस आयुक्त सहित संबंधित पुलिस अधिकारियों का इरादा अदालती आदेशों को दरकिनार करने जैसा है। यह अदालत का कर्तव्य है कि वह अपने आदेशों को लागू करवाए। अन्यथा अदालती आदेश मज़ाक और कागजी आदेश बनकर रह जाएगा। अदालत ने कहा कि इस मामले में घटनाओं का वर्णन और क्रम दिल्ली पुलिस के कामकाज की खराब और दयनीय स्थिति को दर्शाता है.।
पूरा विषय सुधारात्मक कार्रवाई के लिए गृह सचिव, केंद्रीय गृह मंत्रालय के संज्ञान में लाए जाने की जरूरत है। उसने इससे पहले कहा था कि पुलिस अधिकारियों ने पीड़िता के साथ एक आरोपी की तरह व्यवहार किया। सामूहिक बलात्कार की पीड़ित महिला को दर-दर भटकने के लिए मजबूर किया गया।
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