दिल्ली हाई कोर्ट ने पीडब्ल्यूसी के खिलाफ याचिका खारिज की

Last Updated 02 Sep 2022 06:50:34 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को प्राइसवाटरहाउसकूपर्स प्राइवेट लिमिटेड (पीडब्ल्यूसी) को बड़ी राहत देते हुए उसके पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी सर्वेश माथुर द्वारा सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दायर याचिका खारिज कर दी।


दिल्ली हाई कोर्ट

याचिका 7 अक्टूबर, 2020 को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, तीस हजारी न्यायालय द्वारा पारित आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई थी। तीस हजारी कोर्ट ने माथुर की मानहानि की शिकायत के संबंध में पीडब्ल्यूसी और उसके वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ समन जारी किया था।

माथुर ने तर्क दिया कि पीडब्ल्यूसी ने अपने प्रवक्ता के माध्यम से उन्हें 2017 के दौरान इकोनॉमिक टाइम्स और आउटलुक पत्रिका में प्रकाशित लेखों में असंतुष्ट कर्मचारी कहा और यह भारतीय दंड संहिता की धारा 500 और 499 के तहत एक अपराध है।

शुक्रवार को पारित आदेश में, हाई कोर्ट ने माथुर द्वारा दी गई दलीलों को खारिज कर दिया और कहा कि उनकी शिकायत आईपीसी के तहत मानहानि के आरोप को संतुष्ट नहीं करती है, और इसलिए, इसमें पीडब्ल्यूसी और उसके अधिकारियों के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है।

पीडब्ल्यूसी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी.के. दुबे और करंजावाला एंड कंपनी के वकील रूबी सिंह आहूजा (सीनियर पार्टनर), समरजीत पटनायक (पार्टनर), विशाल गेहराना, विकास गोगने, लक्ष्य खन्ना, सत्यम चतुवेर्दी और अक्षय अग्रवाल ने मामले में पैरवी की।

माथुर कोर्ट में खुद व्यक्तिगत रूप से पेश हुए।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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