धान की पराली अब कोई समस्या नहीं है : केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि धान की पराली अब कोई समस्या नहीं है और उन्होंने पड़ोसी राज्यों से फसलों के अवशेष का प्रबंधन करने के लिए अपने किसानों को पूसा द्वारा बनाए गए जैव अपघटक उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (file photo) |
उन्होंने यह भी कहा कि इस सूक्ष्मजीवी घोल का दिल्ली में 844 किसानों की 4,300 एकड़ से अधिक भूमि पर छिड़काव किया जाएगा। पिछले साल 310 किसानों ने 1,935 एकड़ भूमि पर इसका इस्तेमाल किया था। यह घोल पराली को खाद में बदल सकता है।
केजरीवाल ने दक्षिण पश्चिम दिल्ली के खरखरी नहर गांव में पूसा जैव अपघटक की तैयारियों का आगाज करते हुए कहा, ‘‘धान की पराली अब कोई समस्या नहीं है...हम सभी राज्यों से अपने किसानों को यह सस्ता घोल उपलब्ध कराने की अपील करते हैं, जैसा दिल्ली ने किया है।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने भी जैव अपघटक की सफलता को माना है और पंजाब, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश को इसका इस्तेमाल करने का निर्देश दिया।
पिछली बार दिल्ली में लगभग 300 किसानों ने बायो डी-कंपोजर घोल अपनाया था और 1950 एकड़ में इसे डाला गया था। इस बार 4200 एकड़ में ये घोल डाला जा रहा है और 844 किसान इसका इस्तेमाल कर रहे हैं: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल pic.twitter.com/iSd1YtFU6l
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 24, 2021
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश 10 लाख एकड़, पंजाब पांच लाख एकड़ और हरियाणा एक लाख एकड़ की भूमि पर जैव अपघटक का इस्तेमाल करेंगे।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार पांच अक्टूबर से खेतों में इस घोल का छिड़काव करना शुरू करेगी।
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