ब्लैक फंगस महामारी घोषित
दिल्ली सरकार ने बृहस्पतिवार को ब्लैक फंगस संक्रमण को महामारी घोषित कर दिया। कोरोना मरीजों को म्यूकर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के संक्रमण का सामना करना पड़ रहा है।
ब्लैक फंगस महामारी घोषित |
दिल्ली में आज ब्लैक फंगस के 153 नए मामले दर्ज किए गए जिससे कुल मामलों की संख्या बढ़कर 773 हो गई। इसी को देखते हुए राज्य में ब्लैक फंगस एक वर्ष के लिए महामारी घोषित की गई है। एलजी की अनुमति मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने यह फैसला लिया।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी आदेश में कहा गया है कि दिल्ली एपिडमिक डिजीज रेगुलेशन 2021 के तहत आज की तिथि से एक वर्ष तक ब्लैक फंगस को राजधानी में महामारी घोषित किया जा रहा है। दिल्ली के सभी निजी व सरकारी अस्पताल अब ब्लैक फंगस की स्क्रीनिंग व इलाज के दौरान केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग, आईसीएमआर व दिल्ली सरकार की गाइडलाइन का पालन करेंगे।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य निदेशालय के आदेश में सभी निजी व सरकारी अस्पतालों से कहा गया है कि ब्लैक फंगस के संभावित (सस्पेक्ट) मरीज या चिह्नित मरीज के बारे में अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को सूचित करेंगे।
राष्ट्रीय राजधानी में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों देखते हुए उस पर रोकथाम के लिए तहत नियम बनाए गए हैं। दिल्ली सरकार ने इस संबंध में बृहस्पतिवार को अधिसूचना जारी की। यह एक साल के लिए वैध रहेगा। इसमें कहा गया है कि राजधानी के सभी (सरकारी या निजी) अस्पताल ब्लैक फंगस के संदिग्ध या पुष्ट मामलों की जानकारी शहर के स्वास्थ्य विभाग को देंगे। उसमें कहा गया है कि दिल्ली के सभी अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ब्लैक फंगस की स्क्री¨नग, पहचान और प्रबंधन के दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे। नए नियमन के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की पूर्वानुमति के बगैर कोई व्यक्ति, संस्था या संस्थान ब्लैक फंगस प्रबंधन से जुड़ी कोई सूचना या सामग्री प्रसारित नहीं करेगा।नियम में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति, संस्था या संस्थान ब्लैक फंगस पर नए नियमों का उल्लंघन करता है तो वह भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (सरकारी कर्मचारी द्वारा जारी सरकारी आदेश की अवहेलना) के तहत दंडनीय होगा।
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