दिल्ली : वीकली बाजार, होटल्स मुद्दे पर CM, LG आमने सामने
दिल्ली सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच एक बार फिर खींचतान शुरू हो गई है।
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केजरीवाल सरकार ने ट्रॉयल के आधार पर साप्ताहिक बाजार और होटल खोलने की अनुमति दी थी। हालांकि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने केजरीवाल सरकार के इन दोनों अहम फैसलों को खारिज कर दिया।
उपराज्यपाल द्वारा की गई कार्रवाई के बाद अब दिल्ली सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय का दरवाजा खटखटाया है। केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली में होटल खोलने और ट्रायल बेसिस पर 1 हफ्ते के लिए साप्ताहिक बाजार खोलने की अनुमति दी गई थी। दिल्ली सरकार द्वारा यह आदेश जारी किए जाने के 24 घंटे के अंदर ही उपराज्यपाल ने इन दोनों ही आदेशों को निरस्त कर दिया जिसके बाद दिल्ली सरकार ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से गुहार लगाई है।
दिल्ली सरकार ने एक आधिकारिक आदेश जारी करते हुए कहा, "एक सप्ताह के लिए सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक ट्रायल के आधार पर दिल्ली में स्ट्रीट हॉकर्स को काम करने की अनुमति दी गई। निर्णय लिया गया कि भविष्य में सड़क पर चलने वाले फेरीवालों को भविष्य में बिना किसी समय सीमा के अंदर अपना काम करने की अनुमति दी जाएगी। दिल्ली सरकार ने ट्रॉयल के आधार पर साप्ताहिक बाजारों को एक सप्ताह के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और सभी आवश्यक एहतियाती उपायों के साथ काम करने की अनुमति दी है।"
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार द्वारा जारी अनलॉक-3 के दिशा-निर्देशों के तहत दिल्ली की अर्थ व्यवस्था को खोलने के लिए यह निर्णय लिए थे। हालांकि उपराज्यपाल ने दोनों ही निर्णय को लागू होने से पहले ही निरस्त कर दिया।
उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली सरकार के फैसले निरस्त किए जाने के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृहमंत्री को इस बारे में एक पत्र लिखा है। मनीष सिसोदिया ने गृह मंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने और उपराज्यपाल के आदेश को पलटने की गुजारिश की है।
गृहमंत्री को लिखे पत्र में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "कोरोना पॉजिटिव रोगियों की संख्या के मामले में दिल्ली अब देशभर में 11वें स्थान पर है। पूरे देश में अब साप्ताहिक बाजार और होटल खुल रहे हैं। उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी साप्ताहिक बाजार और होटल खुल चुके हैं। ऐसे में दिल्ली में साप्ताहिक बाजार और होटल बंद रखकर केंद्र सरकार क्या हासिल करना चाह रही है, यह बात समझ से परे है। जिस राज्य ने कोरोना नियंत्रण में बेहतर कार्य किया है उसे अपने कारोबार बंद रखने के लिए बाध्य क्यों किया जा रहा है।"
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