डीयू : 44 कॉलेजों ने नकारा चार वर्षीय डिग्री कोर्स

Last Updated 11 Nov 2013 06:08:16 AM IST

दिल्ली यूनिवर्सिटी के फोर ईयर डिग्री प्रोग्राम को 44 कॉलेजों की स्टाफ एसोसिएशनों ने नकार दिया है.


दिल्ली यूनिवर्सिटी कैंपस (फाइल फोटो)

स्टाफ एसोसिएशनों ने खासतौर पर इसके लंबे-चौड़े फाउंडेशन कोर्स और उसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं. इस मुद्दे पर डूटा ने स्टाफ एसोसिएशंस से फीडबैक मांगा था. 47 कॉलेजों की स्टाफ एसोसिएशन ने डूटा को फीडबैक भेजा है. डीयू कार्यकारी परिषद की सदस्य डॉ. आभादेव हबीब ने कहा कि मात्र दो कॉलेजों की स्टाफ एसोसिएशन ने चार साल के कोर्स को समर्थन दिया है.

रामलाल आनंद कॉलेज की स्टाफ एसोसिएशन ने अपने फीडबैक में ढांचागत कमी की बात कही है. डॉ. देव ने बताया कि फीडबैक लेकर इसी महीने आम सभा में चार साल के डिग्री कोर्स के रोल बैक का फैसला लिया जाएगा.

आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज की स्टाफ एसोसिएशन ने स्नातक कोर्स में एक साल की बढ़ोतरी को बेवजह करार दिया है. एसोसिएशन के मुताबिक, फाउंडेशन कोर्स स्कूल लेवल का है. साथ ही यह भी कहा है कि दो साल का डिप्लोमा व तीन साल की डिग्री का स्टूडेंट्स को कोई लाभ नहीं होगा. दो व तीन साल बाद कोर्स छोड़ने वालों को रोजगार मिलने की संभावना भी कम रहेगी.

अदिति महाविद्यालय की स्टाफ एसोसिएशन के मुताबिक, फोर ईयर डिग्री प्रोग्राम में फाउंडेशन कोर्स को बेवजह का महत्व दिया गया है. इसमें ऑनर्स कोर्स के महत्व को कम कर दिया गया है. एसोसिएशन ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि कई कोर्सेज के स्टडी मटीरियल हिन्दी में उपलब्ध नहीं हैं. एंड के सेमेस्टर एग्जाम्स व इंटरनल असेसमेंट की मार्किग स्कीम भी सही नहीं है. ज्यादा पेपरों का बोझ विद्यार्थियों पर डाल दिया गया है, जिससे वे को-करिकुलर एक्टिविटीज में भाग नहीं ले पा रहे हैं.

दौलतराम कॉलेज की स्टाफ एसोसिएशन ने कहा है कि फाउंडेशन कोर्स का कुछ हिस्सा संशोधित करने की जरूरत है और संशोधन के इस कार्य में शिक्षकों की भागीदारी होनी चाहिए. एसोसिएशन ने कहा कि इंटरनल असेसमेंट के अंकों पर ज्यादा जोर दिया गया है, जो सही नहीं है. एसोसिएशन ने मौजूदा मूल्यांकन प्रणाली पर भी आपत्ति जताई है और सही गाइडलाइंस बनाने की मांग की है. प्रोजेक्ट वर्क को लेकर भी आपत्ति जताई है. एसोसिएशन ने कहा कि स्टूडेंट्स इंटरनेट व अन्य माध्यमों से नकल कर प्रोजेक्ट बना रहे हैं.

विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर अंक दिया जाना चाहिए, क्योंकि कई विद्यार्थी दोपहर की क्लासेज से नदारद रहते हैं. हंसराज कॉलेज स्टाफ एसोसिएशन ने कहा कि चार साल के कोर्स को जल्दबाजी में लागू किया गया है. एसो. ने इंटिग्रेटेड माइंड बॉडी एंड सोल को बेवजह का बताया है. इससे समय बर्बाद हो रहा है.

हिन्दू कॉलेज स्टाफ एसोसिएशन ने कहा कि वे पहले से ही चार साल के कोर्स के पक्ष में नहीं हैं. आईपी कॉलेज स्टाफ एसोसिएशन ने कहा कि फाउंडेशन कोर्स को कम किया जाना चाहिए और इसे वैकल्पिक बनाना चाहिए. जीसस एंड मेरी कॉलेज ने भी फाउंडेशन कोर्स को स्कूल लेवल का बताया है. एसोसिएशन ने ढांचागत कमियों की बात भी कही है.

एसोसिएशन के मुताबिक, कई शिक्षकों का कहना है कि यह कोर्स गुप्त कमेटियों द्वारा तैयार किया गया है. इस कारण इसके सिलेबस में खामियां है. किरोड़ीमल कॉलेज स्टाफ एसोसिएशन ने भी चार साल के कोर्स की निंदा करते हुए फाउंडेशन कोर्स को समय बर्बाद करने वाला कहा है. यह भी कहा है कि चार साल का कोर्स पहले वाले ऑनर्स कोर्स के स्तर का नहीं है.

मिरांडा हाउस स्टाफ एसोसिएशन ने कहा है कि चार साल के कोर्स से शिक्षा का स्तर गिरा है. वे विद्यार्थियों से फीडबैक ले रहे हैं. एसोसिएशन ने डूटा से इस मामले में आंदोलन करने और इसमें डूसू व विद्यार्थियों को शामिल करने की अपील की है.



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