Murshidabad violence: मुर्शिदाबाद हिंसा पर प्रियांक कानूनगो बोले, जरूरत पड़ी तो मैं भी जाऊंगा बंगाल

Last Updated 16 Apr 2025 08:00:33 AM IST

Murshidabad violence: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने मंगलवार को मुर्शिदाबाद हिंसा पर कहा कि वहां से हमें कई शिकायतें मिली हैं। एक पिता पुत्र को भीड़ में शामिल लोगों द्वारा मार दिया गया।


राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो

उन्होंने कहा कि घटना के दौरान बंगाल की पुलिस मूकदर्शक बनकर देख रही थी। हमने अपनी टीम को निर्देश दिया है कि वह घटना स्थल पर जाए और तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपे।  

प्रियांक कानूनगो ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हमें यह भी शिकायत मिली है कि वहां से कई परिवारों को विस्थापित होना पड़ा रहा है। हमारी टीम मामले की जांच करेगी। अगर आवश्यकता पड़ी तो मैं भी बंगाल जाऊंगा। उन्होंने आगे कहा कि हमारी रिपोर्ट में भी सामने आया है कि पुलिस हिंसा करवा रही है। हाईकोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया है।

बता दें कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा के बाद केंद्रीय बलों की तैनाती किए जाने पर बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी और प्रवक्ता नीलोत्पल कुमार पांडे ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि करीब दो कंपनियां मुहैया कराई गईं और जहां भी तनाव और अशांति थी, वहां सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

उन्होंने कहा कि जब हालात बिगड़े तो प्रशासन के अनुरोध पर हमने तुरंत बीएसएफ की तैनाती की, जहां भी संभव था, हमने अपने जवानों को तैनात किया। करीब दो कंपनियां मुहैया कराई और जहां भी तनाव और अशांति थी, वहां उनकी तैनाती की गई।

वक्फ संशोधन कानून के लागू हो जाने के बाद भी देश में इसके विरोध को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। वक्फ संशोधन कानून का तमाम विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं।

इस कानून के खिलाफ और इसके पक्ष में कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में भी डाली गई हैं। इन सबके बीच पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद समेत कई जिलों में हिंसात्मक विरोध देखने को मिला।

आईएएनएस
भोपाल


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