Jharkhand Assembly Elections: निर्वाचन आयोग ने की झारखंड चुनाव की तैयारियों की समीक्षा, कहा- धनबल का इस्तेमाल बर्दाश्त नहीं
झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की टीम का दो दिवसीय दौरा मंगलवार को संपन्न हो गया।
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आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम का दौरा संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें चुनाव की तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग 15 नवंबर के बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले सकता है।
भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, राजद सहित सभी प्रमुख पार्टियों ने आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के दूसरे हफ्ते तक दुर्गापूजा, दीपावली, भाईदूज, छठ जैसे त्योहारों की श्रृंखला है। चुनावी प्रक्रिया की तारीखें तय करने में ध्यान रखा जाए कि त्योहार और उत्सव की वजह से कोई गतिरोध या इंटरवल की स्थिति नहीं बने।
प्रमुख राजनीतिक दलों के सुझावों पर अगर चुनाव आयोग सहमत हुआ तो इस बार राज्य में 2019 की तुलना में कम चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। राज्य की तीन सबसे बड़ी पार्टियों भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि कई चरणों में मतदान कराने से चुनावी अभियान में गलत हथकंडे अपनाए जाने की आशंका रहती है। राज्य में नक्सलवाद को लेकर भी अब पहले जैसी चुनौती नहीं है। यह बात आयोग द्वारा पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में सामने आई है।
वर्ष 2019 में राज्य में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था। संभावना है कि इस बार अधिकतम दो से तीन चरणों में वोटिंग कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के नेतृत्व में आई आयोग की टीम ने सोमवार और मंगलवार को रांची में पांच मैराथन बैठक की।
धनबल का इस्तेमाल ‘बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं’ करेंगे: निर्वाचन आयोग
आयोग ने मंगलवार को केंद्रीय और राज्य प्रवर्तन एजेंसियों को स्पष्ट कर दिया कि 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के आगामी चुनाव में वह धनबल के इस्तेमाल को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और डॉ. एस एस संधू के साथ यहां चुनाव तैयारियों की समीक्षा की और राजनीतिक दलों, सुरक्षा बलों और अन्य हितधारकों के साथ बैठकें कीं।
निर्वाचन आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय), एनसीबी (स्वापक नियंत्रण ब्युरो), राज्य और केंद्रीय जीएसटी (माल एवं सेवाकर), आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल), आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक), राज्य पुलिस, आयकर, प्रवर्तन निदेशालय आदि जैसी लगभग 20 केंद्रीय और राज्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान, आयोग ने प्रलोभन मुक्त चुनावों पर अपने जोर को रेखांकित किया। आयोग ने चुनावों में धनबल के इस्तेमाल के प्रति अपनी बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति व्यक्त की।’’
सीईसी ने अधिकारियों को आगाह किया कि चुनाव के दौरान जांच के नाम पर जनता को किसी भी तरह से अनुचित तरीके से परेशान नहीं किया जाए। निर्वाचन आयोग ने सभी प्रवर्तन एजेंसियों को "राज्य में अवैध शराब, नकदी और नशीले पदार्थ के प्रवाह को रोकने के लिए समन्वित तरीके से काम करने का निर्देश दिया।’’
आयोग ने पुलिस और आबकारी विभाग को शराब और नशीले पदार्थों के सरगनाओं के खिलाफ कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित करने और व्यापक रोकथाम के लिए अंतर-राज्यीय सीमा और नाका व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए कहा।
आयोग ने अधिकारियों को पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार के साथ झारखंड की सीमाओं पर विशेष ध्यान बनाए रखने का निर्देश भी दिया।
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