नक्सलियों के कब्जे से मुक्त हुए कमांडो की पत्नी ने इसे जीवन का सबसे खुशी का पल करार दिया
छत्तीसगढ में नक्सलियों द्वारा अगवा किए गए ‘कोबरा’ कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास की मुक्ति की खबर के बाद बृहस्पतिवार को जम्मू स्थित उनके घर पर पसरा सन्नाटा उत्सव में बदल गया। मन्हास की पत्नी ने इसे जीवन का सबसे खुशी का पल करार दिया।
नक्सलियों के कब्जे से मुक्त हुए कमांडो की पत्नी ने इसे जीवन का सबसे खुशी का पल करार दिया |
छत्तीसगढ के बीजापुर में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच तीन अप्रैल को हुई मुठभेड़ के बाद अगवा किये गए 210वीं कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट ऐक्शन (कोबरा) के कांस्टेबल राकेश्वर सिंह मन्हास को जब एक न्यूज चैनल पर एम्बुलेंस से उतरते देखा गया तो उनके परिवार के सदस्यों के आंसू छलक आए।
मन्हास की पांच वर्षीय बेटी को मोबाइल फोन पर अपने पिता की तस्वीर को चूमते हुए देखा गया।
Father is a world to daughters!
— Azeema (@azeema_1) April 8, 2021
Can feel her emotions !#RakeshwarSinghManhas https://t.co/xdO7tkQA8u pic.twitter.com/NJEjs9qEyr
जम्मू-अखनूर रोड पर स्थित बुरनाई में मन्हास की पत्नी मीनू ने अपने घर पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह मेरे जीवन का सबसे खुशी का पल है। मुझे हमेशा ही उनकी वापसी का पूरा भरोसा रहा। मैं केंद्र और छत्तीसगढ सरकार का धन्यवाद करना चाहती हूं। साथ ही उन सभी लोगों का आभार व्यक्त करती हूं जोकि परीक्षा की इस घड़ी में हमारे साथ खड़े रहे।‘‘
बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा पर तीन अप्रैल को नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किये गए हमले के बाद हुई मुठभेड़ में 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये जबकि 31 अन्य घायल हो गए थे।
#WATCH "Today is the happiest day of my life. I always remained hopeful of his return," says Meenu, the wife of CRPF jawan Rakeshwar Singh Manhas, on the release of her husband by Naxals in Chhattisgarh (ANI)@crpfindia #ChattisgarhNaxalAttack #RakeshwarSinghManhas pic.twitter.com/5zgM7cYcDZ
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) April 8, 2021
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