हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के नेता और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने इंडिया गठबंधन की बैठक में तेजस्वी यादव को समन्वय समिति का नेता चुने जाने पर सवाल उठाए। उनके चयन को 'लॉलीपॉप' बताया।
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मीडिया से बातचीत में मांझी ने दावा किया कि गठबंधन में एकता की कमी है और सभी नेता खुद को प्रधानमंत्री पद का चेहरा मान रहे हैं। उन्होंने इसे सत्ता की लड़ाई करार देते हुए कहा कि एनडीए में कुर्सी की ऐसी लड़ाई नहीं है, बल्कि विकास पर ध्यान है।
मांझी ने कहा कि इंडिया गठबंधन की पिछली बैठक में भी समन्वय समिति के लिए नेता चुना गया था, जिसे प्रधानमंत्री पद का दावेदार माना गया।
उन्होंने तेजस्वी के चयन पर कहा, ' उन्हें लॉलीपॉप थमा दिया गया है। गठबंधन में नेतृत्व को लेकर आपसी मतभेद साफ दिख रहे हैं। बिहार की जनता तेजस्वी को गठबंधन का नेता नहीं मानेगी।'
वहीं, पश्चिम बंगाल की स्थिति पर बोलते हुए मांझी ने ममता बनर्जी की सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है और राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही। ममता बनर्जी उन लोगों का साथ दे रही हैं, जो गड़बड़ी फैला रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि वह पश्चिम बंगाल में संवैधानिक मूल्यों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करे।
मांझी ने अपनी पार्टी की रणनीति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा एनडीए के साथ मिलकर बिहार विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर मजबूती से लड़ेगी। सीट बंटवारे का फैसला एनडीए के नेता मिलकर करेंगे। मांझी ने स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार ही एनडीए के मुख्यमंत्री पद के चेहरा होंगे और उनके नेतृत्व में गठबंधन 225 सीटें हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
मांझी ने अमित शाह और अन्य एनडीए नेताओं के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि गठबंधन में एकजुटता है और नीतीश कुमार के नेतृत्व पर कोई विवाद नहीं है।
उन्होंने जनता से अपील की कि वे भ्रामक बयानों पर ध्यान न दें और एनडीए के विकास के एजेंडे पर भरोसा रखें।
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