बिहार के चर्चित चारा घोटाले का जिन्न करीब तीन दशक बाद फिर से बाहर आ गया है। इस घोटाले में अरबों रुपये की हेराफेरी की गई थी, और अब इस राशि की वसूली के लिए सरकार कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।

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राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है।
विजय सिन्हा ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह घोटाला लगभग 29 साल पुराना हो चुका है, लेकिन अब तक भ्रष्टाचारियों पर उचित कार्रवाई नहीं हो पाई। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सिर्फ उनकी संपत्तियां जब्त करने से उनका मनोबल बढ़ता है, जबकि ऐसी कार्रवाई पहले ही होनी चाहिए थी, ताकि भविष्य में कोई और भ्रष्टाचार न कर सके। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और सबसे पहले उनके खिलाफ स्पीडी ट्रायल चलाकर उनकी संपत्तियों की जब्ती होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वसूली की प्रक्रिया भी शुरू करनी चाहिए ताकि भ्रष्टाचारियों का मनोबल टूट सके और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इस प्रकार की कार्रवाई जितनी जल्द और त्वरित गति से हो, उतना ही अच्छा होगा।
वहीं, वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में काली पट्टी बांधकर जुमे की नमाज अदा करने के मुद्दे पर भी विजय सिन्हा ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि धर्म और राष्ट्रवाद एक-दूसरे के साथ चलते हैं। उनका मानना था कि पहला धर्म यही है कि वह राष्ट्र को मजबूती प्रदान करें और मानवता को गौरवान्वित करें। कुछ लोग धर्म और राजनीति को मिलाकर जो माहौल बनाने की कोशिश करते हैं, उन्हें इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने साफ किया कि राष्ट्र के हित में जो भी कानून आ रहे हैं, उन्हें संविधान के तहत बहस और वोटिंग से पारित किया जाएगा।
विजय सिन्हा ने संविधान के अपमान की मानसिकता को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो संविधान में विश्वास नहीं रखते, वे राष्ट्र के लिए खतरे की घंटी हैं। उनका यह भी कहना था कि राष्ट्र के संविधान में विश्वास रखने वाले ही संविधान की गरिमा को बनाए रखते हैं और इसके प्रति सम्मान दर्शाते हैं।
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