केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में गुरुवार को बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन के सभी घटक दलों के नेताओं ने प्रखंड मुख्यालयों में प्रदर्शन किया और धरने पर बैठे।
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इस क्रम में नेताओं और कार्यकतार्ओं ने केंद्र की सत्ता से भाजपा को भगाने की बात कही। धरना पर बैठे नेताओं ने जातिगत जनगणना, महंगाई, बेरोजगारी, संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग, संविधान और लोकतंत्र पर बढ़ते हमले, दलितों और गरीबों के खाद्य, आवास और अन्य लाभकारी योजनाओं में लगातार हो रही कटौती, मनरेगा जैसी योजना में कटौती को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।
नेताओं ने किसानों की आय दोगुनी करने, एमएसपी को कानूनी मान्यता देने तथा इसका विस्तार कर सभी फसलों पर लागू करने, नफरत और उन्माद-उत्पात की राजनीति पर रोक लगाने के साथ ही जन सरोकार से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर भी केंद्र सरकार को घेरा। राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने बताया कि इस कार्यक्रम में छह दलों राजद, कांग्रेस, सीपीआई माले, सीपीएम और सीपीआई द्वारा राज्य के सभी 534 प्रखंड मुख्यालयों पर संयुक्त रुप से धरना दिया गया।
धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार के जनविरोधी और संविधान विरोधी रवैए की तीखी आलोचना की गई। राजद प्रवक्ता ने बताया कि महागठबंधन में शामिल दलों के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ ही सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में आयोजित धरने में शामिल हुए। धरने के बाद अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सम्बद्ध प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपा गया।
केंद्र सरकार के खिलाफ महागठबंधन की ओर से राज्य स्तर पर यह पहला आन्दोलनात्मक कार्यक्रम है। इस धरना-प्रदर्शन में बड़ी संख्या में आमलोगों और महिलाओं की भागीदारी रही। प्रवक्ता ने बताया कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने कार्यक्रम की समीक्षा की और इसे सफल बनाने के लिए राजद सहित महागठबंधन के सभी नेताओं और कार्यकतरओ को बधाई दी है।
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