बिहार : बाढ, बारिश ने बढ़ाई नौनिहालों की परेशानी, खेतों के मेढ़ से स्कूल जा रहे बच्चे
बिहार में इस साल विभिन्न नदियों में आई बाढ़ और बारिश से नौनिहालों की भी परेशानी बढ़ गई है। खेतों और सड़कों पर जलजमाव के कारण बच्चों को खेत के मेढ़ों से गुजरकर स्कूल जाना पड़ रहा है।
(फाइल फोटो) |
औराई प्रखंड क्षेत्र में ऐसे भी स्कूल हैं,जहां रास्ता नहीं है। स्कूल जाने के लिए छात्र-छात्राओं सहित शिक्षकों को भी परेशानी का सामाना करना पड़ रहा है।
औराई प्रखंड के परसामा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय का भवन भी है और स्कूल में शिक्षक और छात्र भी हैं। लेकिन स्कूल में आने जाने जा रास्ता नहीं है। चारों तरफ जलजमाव की समस्या बनी है। बच्चों को खेतों के मेढ (पगडंडियों) से होकर स्कूल जाना पड़ता है।
स्कूल के शिक्षक बताते हैं कि कई बार स्थानीय जनप्रतिनिाियों से भी सड़क बनाने के लिए गुहार लगाई गई लेकिन सड़क का आजतक निर्माण नही हो सका। विद्यालय के साथ-साथ आंगनवाड़ी केंद्र के भी चारों तरफ मनुषमारा नदी का पानी फैला हुआ है, जिससे बच्चों के आने जाने का भी कोई साधन नहीं है।
स्कूल के प्रिंसिपल ब्रह्मदेव बैठा भी कहते हैं करीब 4 माह तक बाढ़ के पानी जमा रहता है, जिससे बच्चों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मायूस होकर बताया कि हम लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी इस मामले से अवगत करवाया लेकिन आज तक स्थिति में सुधार नहीं हो सका। स्कूल के अंदर बाढ़ के पानी का जमा हो चुका है।
चरपुरवा विद्यालय का भी कमोबेश यही हाल है। ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल के बाहर तीन से चार फीट पानी लगा हुआ है।
स्कूल के पास की रहने वाली शैल देवी बताती हैं, "चरपुरवा विद्यालय के बाहर 3 फीट से 4 फीट पानी लगभग 3 माह तक लगा रहता है आने-जाने का दूसरा कोई साधन नहीं है। स्कूल का भवन खेत में निर्माण करवा दिया गया लेकिन रास्ता मुहैया नहीं करवाया गया।"
यही हाल महेश स्थान स्थित उर्दू मय विद्यालय का है, जहां पहुंचने के लिए बच्चों को खेत से होकर गुजरना पड़ता है। महेशस्थान उर्दू मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक रहमत निशा का कहना है कि स्कूल का आवागमन का कोई रास्ता नहीं है। बच्चों को किसानों की बात भी सुननी पड़ती है। वे बताती हैं कि 4 माह तक स्कूल के आसपास बाढ़ का पानी लगा रहता है।
इधर, औराई प्रखंड की प्रखंड शिक्षा पदाािकारी रिमी सिन्हा कहती हैं कि बाढ़ के कारण स्कूल के पास जलजमाव है, इसीलिए दिक्कत है। उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों से रास्ता के लिए कोई निर्देश नहीं दिया गया है जब आएगा निर्देश तो आगे देखा जाएगा।
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