पटना में NMCH के जूनियर डॉक्टर फिर गए हड़ताल पर, मांगी सुरक्षा
बिहार में एक ओर जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है, वहीं पटना के नालंदा मेडिकेल कॉलेज एवं अस्पताल (एनएमसीएच) में बुधवार को एकबार फिर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए।
बिहार : पटना में एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टर फिर गए हड़ताल पर, मांगी सुरक्षा |
जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से कोविड डेडिकेटेड इस अस्पताल में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि मंगलवार की रात सर्जरी वार्ड में एक मरीज की मौत के बाद कुछ लोगों ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मारपीट की और जमकर तोड़फोड़ की। डॉक्टरों का कहना है कि जब डॉक्टरों की सुरक्षा ही नहीं होगी तो डॉक्टर इलाज कैसे कर सकता है। इस घटना के बाद डॉक्टर हड़ताल पर चले गए।
डॉक्टर अब पूरी सुरक्षा और इलाज के लिए जरूरी संसाधनों की मांग कर रहे हैं। जूनिय डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रामचंद्र कुमार ने बताया कि डॉक्टरों और स्वास्थकर्मियों को दवाओं और अन्य संसाधनों की कमी के कारण इलाज करने में परेशानी हो रही है।
उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की भारी कमी है। एक डॉक्टर को नौ से दस घंटे काम करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों और संसाधनों की कमी के कारण भी मरीजों की मौत हो रही है।
इससे पहले 22 और 23 अप्रैल को भी स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मारपीट की गई थी, जिसके बाद जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। इसके बाद पटना के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आश्वासन के बाद जूनियर डॉक्टर काम पर लौटे थे।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि प्रशासन और सरकार द्वारा घोषणाओं और आश्वासनों के बावजूद अस्पताल की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। अस्पताल में पुलिस से सुरक्षा व्यवस्था नहीं संभल रही है, तो पारा मिल्रिटी फोर्स तैनात की जाए और डॉक्टरों की कमी दूर की जाए।
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रामचंद्र ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अस्पताल आकर इसकी व्यवस्था सुनिश्चित नहीं करेंगे, तब तक जूनियर डॉक्टर काम पर नहीं लौटेंगे।
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