बिहार: राजग में न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर कवायद शुरू, जनता से किए वादे होंगे पूरे
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनने के बाद अब सरकार ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने की कवायद प्रारंभ कर दी है।
(फाइल फोटो) |
सरकार बने एक पखवाड़े से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद अब उन वादों पर अमल करने की तैयारी शुरू हो चुकी है, जो चुनाव के दौरान जनता से किए गए थे। सूत्रों का कहना है कि राजग में शामिल घटक दलों की जल्द ही एक बैठक होगी, जिसमें सभी पार्टी के घोषणा पत्रों के मुताबिक योजनाओं को मूर्त रूप देने की कोशिश की जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि राजग में शामिल दल जदयू और भाजपा के अलावा विकासशील इंसान पार्टी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने चुनाव के पूर्व अलग-अलग घोषणा पत्र जारी करते हुए चुनाव मैदान में उतरे थे। इन घोषणा पत्रों में जनता से अलग-अलग वादे किए गए थे।
सूत्र कहते हैं कि चारों दल मिल बैठकर अपने-अपने घोषणा पत्रों के महत्वपूर्ण एजेंडों को मिलाकर न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाएंगे, जिसे सरकार अमलीजामा पहनाने में जुट जाएगी।
जदयू के एक नेता कहते हैं कि जब भी एक से अधिक दलों की सरकार सत्तारूढ़ होती है तो मित्र दलों में टकराव को टालने के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाया जाता है। इसका मकसद मिल-जुलकर काम करना होता है।
जदयू नेता संजय सिंह ने दावा करते हुए कहा कि, "सभी दलों के नेता आपस में बैठकर विकास कार्य की नई रणनीति बनाएंगे और विकास का नया इतिहास रचा जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले 15 सालों से बिहार विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है, जिसे और गति दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इस साल हुए विधानसभा चुनाव के पूर्व राजद नेतृत्व वाले महागठबंधन को समन्वय समिति नहीं बनाने के कारण ही छोड़कर राजग के साथ आ गए थे, जिसका उनको लाभ भी मिला।
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