बिहार : फारबिसगंज में रेणु की जयंती पर लगेगी तस्वीरों की प्रदर्शनी
देश के महान आंचलिक उपन्यासकार फणीश्वर नाथ रेणु की जयंती पर शनिवार (4 मार्च) को फारबिसगंज में उनकी कुछ अनदेखी तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी.
फारबिसगंज में रेणु की जयंती पर लगेगी तस्वीरों की प्रदर्शनी (फाइल फोटो) |
यह प्रदर्शनी फारबिसगंज के जगदीश मिल परिसर में लगेगी, जहां रेणु अक्सर ठहरते थे. न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर रुचिरा गुप्ता और चनका रेसीडेंसी के गिरींद्र नाथ झा की पहल से होने वाली इस प्रदर्शनी में साहित्य और कलम के इस अनोखे जादूगर फणीश्वर नाथ रेणु की कुछ अनदेखी तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी.
फारबिसगंज के जगदीश मिल परिसर का रेणु से गहरा रिश्ता रहा है. रेणु ने कई पत्रों और लेख में \'जगदीश मिल कंपाउंड\' का जिक्र किया है. कार्यक्रम का आयोजन \'अपने आप वीमेन वलर्ड वाइड\' और \'चनका रेसीडेंसी\' ने किया है.
\'अपने आप वीमेन वर्ल्ड वाइड\' की संस्थापक और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर रुचिरा गुप्ता ने बताया, "उनके परिवार से रेणु जी का आत्मीय लगाव रहा है. जगदीश मिल कंपाउंड से रेणु जी का ढेर सारी यादें जुड़ी हैं और उनके पास इस महान कथाकार की कई दुर्लभ तस्वीरें भी हैं और उन्हीं तस्वीरों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी."
साहित्य, ग्रामीण पर्यटन और कला के क्षेत्र में पूर्णिया जिले के चनका गांव में हाल ही में स्थापित \'चनका रेसीडेंसी\' के गिरींद्र ने बताया कि रेणु जयंती पर फोटो प्रदर्शनी के अलावा \'रेणु साहित्य में स्त्री विमर्श और रेणु के रिपोटार्ज\' विषय पर चर्चा होगी.
रेणु ने अपने साहित्य में अंचल के जिस लोक गीत और संगीत का जिक्र किया है, उसकी झलकियां भी यहां आयोजित कार्यक्रम में देखने को मिलेगी.
उल्लेखनीय है कि फणीश्वर नाथ रेणु को हिंदी कहानी में देशज समाज की स्थापना का श्रेय प्राप्त है. उनके उपन्यास \'मैला आंचल\', \'परती परिकथा\' और उनकी दर्जनों कहानियों के पात्रों की जीवंतता, सरलता, निश्छलता और सहज अनुराग हिंदी कथा साहित्य में संभवत: पहली बार घटित हुआ था.
साहित्यकारों का कहना है कि हिंदी कहानी में पहली बार लगा कि शब्दों से सिनेमा की तरह ²श्यों को जीवंत भी किया जा सकता है.
उन्होंने लोकगीत, लय-ताल, ढोल-खंजड़ी, लोकनृत्य, लोकनाटक, मिथक, लोक विश्वास और किंवदंतियों के सहारे बिहार के कोसी अंचल की, जो संगीतमय और जीती जागती तस्वीर खींची, उससे गुजरना एक बिल्कुल अलग-सा अनुभव है.
| Tweet |