मॉर्डन स्कूल के खिलाफ रेणुका की बैठक

Last Updated 24 Apr 2009 11:36:03 AM IST


नई दिल्ली। मॉर्डन स्कूल की छात्रा आकृति भाटिया की मौत के बाद अब स्कूल प्रशासन ने बिना किसी नोटिस के दो दिनों के लिए स्कूल को बंद कर दिया है। इस मामले में महिला और बाल कल्याण मंत्री रेणुका चौधरी ने आज एक बैठक बुलाई है। मॉर्डन स्कूल की छात्रा आकृति भाटिया की मौत के मामले में महिला और बाल कल्याण मंत्री रेणुका चौधरी आज राष्ट्रीय बाल संरक्षण कमीशन के साथ बैठक कर रही हैं। इस बैठक में स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है। मालूम हो कि आकृति के माता-पिता ने मंत्रालय से जांच की गुहार की थी। जांच कमेटी का गठन कल ही हो गया जांच कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी। गौरतलब है कि दिल्ली के वसंत विहार इलाके में स्थित मॉर्डन स्कूल में चार दिन पहले आकृति भाटिया नाम की एक छात्रा की मौत दम घुटने से हो गई थी। इस मामले में कल प्रिंसिपल से इस्तीफे की मांग को लेकर स्कूल के बाहर छात्र-छात्राओं ने जमकर हंगामा किया। वहीं आकृति की मां और प्रिंसिपल के बीच जमकर हाथापाई भी हुई। विरोध न कि आकृति के माता-पिता कर रहे हैं बल्कि दूसरे छात्र-छात्राओं के मां-बाप भी इसमें उनके साथ दे रही हैं। आकृति वसंत विहार के मॉर्डन स्कूल की 12वीं कक्षा की छात्रा थी। वह अस्थमा की मरीज थी। चार दिन पहले उसे स्कूल में अस्थमा का दौरा पड़ा। परिवार वालों का आरोप है कि उन्होंने आकृति को फौरन घर भेजने को कहा लेकिन उसे घर या अस्पताल भेजने के बजाय ऑक्सीजन मास्क लगा कर स्कूल में ही रखा गया। आकृति ने अपनी दोस्त के मोबाइल से अपनी मां को तबियत बिगड़ने की जानकारी दी। मां ने आकृति को लाने के लिए घर से गाड़ी भेजी। गाड़ी पहुंचने में करीब एक घंटा लग गया और तब उसका ऑक्सीजन मास्क हटा कर उसे अस्पताल भेजा गया। अस्पताल में डॉक्टरों नें उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार का आरोप है कि स्कूल को तुरंत एम्बुलेंस बुला कर अस्पताल भेजना चाहिए था लेकिन स्कूल प्रशासन घर से गाड़ी भेजे जाने का इंतजार करता रहा। मां बाप ये सवाल उठा रहे हैं कि जब उसकी तबियत इतनी खराब थी तो घर से गाड़ी आने का इंतजार क्यों किया गया। मां बाप का ये भी कहना है कि उन्हें आकृति की तबियत के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया और आकृति ने खुद ही अपनी दोस्त के मोबाइल से घर फोन किया। उधर मॉर्डन स्कूल के प्रिंसिपल का कहना था कि उस वक्त जो हो सकता था वो सब स्कूल ने किया। स्कूल की प्रिंसिपल गोल्डी मल्होत्रा का कहा कि आकृती को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी इसलिए ऑक्सीजन मास्क हटा लिया गया था और उसे अस्पताल भेजा गय़ा। कल स्कूल के विद्यार्थी भी इस मामले में खुलकर सामने आ गए। उन्होंने काली शर्ट पहनकर और हाथों में मोमबत्तियां लेकर मोर्चा निकाला। वे शिक्षा विभाग से स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे।



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