रूस के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान की परी
Last Updated 29 Jan 2010 03:55:38 PM IST
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मास्को। रूस के पांचवीं पीढ़ी के एक लड़ाकू विमान ने शुक्रवार को देश के पूर्वी इलाके में अपनी पहली उड़ान भरी। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारत के साथ संयुक्त रूप से तैयार इस विमान ने कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमुर इलाके में सफलतापूर्वक 45 मिनट तक आसमान में चक्कर लगाया।
सूत्रों के मुताबिक इस विमान का परीक्षण उड़ान गुरुवार को होना था लेकिन कोम्सोमोल्स्क में मौसम खराब होने के कारण इसे शुक्रवार तक के लिए टाल दिया गया।
सुखोई युद्धक विमान बनाने वाली कंपनी के प्रवक्ता ओल्गा कायुकोवा ने कहा, "विमान ने आसमान में शानदार प्रदर्शन किया। अपनी पहली ही उड़ान में इसने हमारी सारी अपेक्षाओं को पूरा कर दिया।"
रूस 1990 के दशक से ही युद्धक विमानों का निर्माण कर रहा है। रूस के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने कहा कि नये दुश्मन को चकमा देने में माहिर इस युद्धक विमान को वर्ष 2015 में वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा। यह 5,500 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।
पांचवीं पीढ़ी के इस विमान को 'फिफ्थ जेनरेशन फाइटर एअरक्राफ्ट' (एफजीएफए) नाम दिया गया है। इसे सुखोई का निर्माण करने वाली कंपनी ने पीएके एफए योजना के तहत बनाया है।
इस टी-50 विमान को अमेरिकी वायुसेना के युद्धक विमान 'यूएस एफ-22 रॉप्टर' के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार किया गया है। यूएस एफ-22 रॉप्टर और एफ-35 लाइटनिंग-2 विश्व के दो पांचवीं पीढ़ी के युद्धक विमान हैं।
भारत ने टी-50 के निर्माण में रूस का सहयोग किया है। भारत की विमान निर्माण कंपनी-हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) इस योजना के डिजाइन और विकास में 25 फीसदी हिस्सेदारी चाहती है। टी-50 को जल्द ही भारतीय वायुसेना में भी शामिल किया जाएगा और यह सुखोई के एक सीट वाले लड़ाकू विमानों का स्थान लेगा।
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