मिजोरम में रेयांग शरणार्थियों को लेकर गति
Last Updated 23 Jan 2010 08:44:59 PM IST
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आइजोल। पिछले 13 सालों से 35,000 रेयांग शरणार्थियों को त्रिपुरा से मिजोरम वापस भेजने को लेकर जारी गतिरोध कायम है। मिजोरम के अधिकारियों और रेयांग जनजाति समुदाय के नेताओं के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही।
यह बैठक राजधानी आइजोल में दोपहर बाद हुई थी। मिजोरम सरकार के 10 शीर्ष अधिकारी बैठक में शामिल हुए जिसमें अतिरिक्त सचिव (गृह) टी.वी. फम्बोल शामिल हैं और ब्रू समन्वय समिति (बीसीसी)के सात नेता शामिल हुए। बीसीसी जनजाति शरणार्थियों और आत्मसर्मपण किए हुए जनजातीय विद्रोहियों का सर्वोच्च संगठन है।
फम्बोल ने पत्रकारों से बताया,"केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जनजातीय शरणार्थियों को त्रिपुरा से वापस मिजोरम लौटने के बाद उनके पुर्नवास के लिए धन मुहैया कराना अभी बाकी है। केंद्र सरकार की पर्याप्त मदद के बिना राज्य सरकार उन्हें वापस भेजने में असर्मथ है।"
रेयांग (स्थानीय तौर पर ब्रू कहा जाता है) जनजातीय शरणार्थी त्रिपुरा के उत्तर में छह शिविरों में 1997 से रह रहे हैं। बाद में उनके भागकर मिजोरम आने के बाद मिजो बहुल समुदाय से जातीय संघर्ष छिड़ गया।
पिछले साल नवम्बर में पश्चिमी मिजोरम में भड़की जातीय हिंसा में 18 वर्षीय मिजो युवक मरजोकिमा की हत्या होने के बाद विस्थापित हुए 4,000 रेयांग शरणार्थियों को शुक्रवार को हुई बैठक में वापस भेजने और उनके पुनर्वास का फैसला किया गया।
विशेष जांच दल ने इस हफ्ते दो संदिग्ध आतंकवादियों को मिजो युवक की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है।
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