बजट में रीयल एस्टेट को कर छूट बढ़ाने का सुझा&
Last Updated 17 Feb 2010 08:13:11 PM IST
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लखनऊ। सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईआ॓) सुशांतो रॉय ने प्री बजट सिफारिशों में मंदी के दौर में रीयल एस्टेट क्षेत्र की सेहत सुधारने के लिए टैक्स हॉलीडे बढ़ाने, प्रत्यक्ष विदेश निवेश में तीन साल की बंदिश हटाने और आवास ऋण पर आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर तीन लाख रूपए करने का सुझाव दिया है। श्री रॉय ने कहा कि 31 मार्च 2008 के बाद बनी कम लागत वाली आवासीय परियोजनाओं के लिए धारा 80 आईबी के तहत टैक्स हॉलीडे को पुन: प्रभावी किया जाए।
उन्होंनें कहा कि धारा 80 आईडी के अंतर्गत होटलों को मिलने वाली कर छूट की अवधि पांच से बढ़ा कर 10 साल की जाए। साथ ही रीयल एस्टेट म्युचुअल फंड (आरईएमएफ) और रीयल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट से संबंधित लंबित प्रस्तावों को यथाशीघ्र पारित किया जाए। उन्होंने कहा कि हमें आशा है कि इस बार के आम बजट में वित्त मंत्री रीयल एस्टेट क्षेत्र की प्रगति के लिए बाहरी वाणिज्यिक उधारी की सीमा को कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित न रख कर विशेष आर्थिक जोन तक बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए तीन साल का लॉक इन पीरियड (अवधि) की शर्त नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में रीयल एस्टेट परियोजनाओं पर स्टांप दर तर्कसंगत बनाई जाए तथा एक समान दर प्रभावी हो। श्री रॉय ने कहा कि आवास ऋण पर आयकर छूट की सीमा 1.50 लाख रूपए से बढ़ा कर तीन लाख रूपए की जाए। उन्होंने कहा कि रीयल एस्टेट को उद्योग का दर्जा दिया जाए ताकि कम लागत वाली निर्माण इकाइयों को फायदा हो सके। हालांकि इस सेक्टर की यह काफी पुरानी मांग है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों के मद्देनजर रीयल एस्टेट नियामक बनाए जाने की भी जरूरत है।
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