मियांदाद का मुद्दा ’गोएबल्स दुष्प्रचार’: ठì
Last Updated 04 Feb 2010 11:14:10 AM IST
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मुंबई। शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने पांच साल पहले अपने आवास पर पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद के आने का मुद्दा उठाये जाने को ’गोएबल्स दुष्प्रचार’ करार दिया। उन्होंने कहा कि मुंबई विरोधी वायरस फैल गया है लेकिन इसका उनकी पार्टी पर कोई असर नहीं होगा।
ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र ’सामना’ में लिखा है, पाकिस्तानी क्रिकेटर का मेरे घर पर आने को राजनीतिक फायदे के लिए भुनाया जा रहा है। मैं कहना चाहूंगा कि इसका शिवसेना और शिवसैनिकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने लिखा है, मुंबई विरोधी और महाराष्ट्र विरोधी वायरस फैल गया है। यह आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि कुछ लोग इस बात से आहत हैं कि मुंबई महाराष्ट्र में हैं। ठाकरे ने कहा कि मियांदाद का उनके घर आना मीडिया के एक तबके द्वारा किये जा रहे ’गोएबल्स दुष्प्रचार’ का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर ने मियांदाद से मुलाकात करायी थी।
’गोएबल्स दुष्प्रचार’ जर्मनी में एडोल्फ हिटलर के समय से निकला हुआ शब्द है। 1933 में जर्मन नाजी पार्टी के सदस्य जोसफ गोएबल्स को हिटलर ने अपना ’प्रोपेगेंडा मिनिस्टर’ (प्रचार मंत्री) बनाया था। शिवसेना प्रमुख ने कहा, मुलाकात में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को भारत में खेलने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था। मैंने इस अनुरोध को खारिज कर दिया।
इस बीच राकांपा विधायक और पूर्व मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि 2004 में ठाकरे के बांद्रा स्थित आवास पर मियांदाद का जाना दिखाता है कि ठाकरे को अभिनेता शाहरूख खान को राष्ट्र विरोधी कहने का कोई हक नहीं है।
मलिक ने कहा, ठाकरे ने मियांदाद का स्वागत किया था, जो कि न केवल पाकिस्तानी हैं बल्कि भारत के सर्वाधिक वांछित अपराधी दाऊद इब्राहिम के भी संबंधी हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ठाकरे ने मियांदाद को अपने घर आमंत्रित किया था और शारजाह में, खासतौर पर भारत के खिलाफ एक मैच में उनके प्रदर्शन की तारीफ की थी। मलिक ने दावा किया, ठाकरे ने तब कहा था कि वह मियांदाद को पसंद करते हैं और चेतन शर्मा की गेंद पर लगाये गये उनके छक्के को नहीं भूल सकते, जिससे 1986 में शारजाह में ऑस्ट्रेलेशिया कप पर जीत हासिल हुई थी।
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