वार्ता के लिए हिंसा रोके नक्सली

Last Updated 09 Feb 2010 04:16:06 PM IST


कोलकाता। केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि यदि नक्सलवादी हिंसा की गतिविधियों को छोड़ने को तैयार हों तो सरकार उनके साथ वार्ता के लिए तैयार है। पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखण्ड और बिहार के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक के बाद चिदंबरम ने कहा, ‘यदि वे हिंसा छोड़ दें तो हम किसी भी विषय पर वार्ता के लिए तैयार हैं।‘ चिदंबरम ने कहा कि पूर्व में ऐसे प्रस्ताव को ठुकराए जाने के बाद से सरकार नक्सल विरोधी अभियान को जारी रखने के लिए विवश हुई। जब तक नक्सली हिंसा में लिप्त रहेंगे, ये अभियान जारी रहेंगे। नक्सली खतरे पर चर्चा के लिए हुई बैठक में पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के मुख्यमंत्री, झारखण्ड के दो उपमुख्यमंत्री और इन राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। चिदंबरम ने कहा कि इन सभी राज्यों में नक्सलियों के खिलाफ अभियान धीरे, लेकिन लगातार जारी है और प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी के कई महत्वपूर्ण नेताओं की गिरफ्तारी इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा, ‘यह मीडिया और स्वयंसेवी संस्थाओं के एक वर्ग के कुछ महीने पहले किए गए प्रचार के विपरीत भी है कि इन अभियानों में भारी नरसंहार होगा। हमने स्पष्ट कर दिया है कि इन अभियानों का उद्देश्य हत्या करना नहीं है।‘ चिदंबरम ने कहा, ‘वे हमारे लोग हैं, हमें उनके जीवन की चिंता है। इसका उद्देश्य नक्सल प्रभावित इलाकों में नागरिक प्रशासन को फिर से स्थापित करना है। मेरे विचार में प्रगति धीमे,लेकिन लगातार हो रही है।‘ उन्होंने कहा कि ऐसे अभियानों की प्रगति को क्रिकेट मैच के स्कोर बोर्ड की तरह नहीं देखा जा सकता।



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