भ्रष्ट जजों को पदोन्नति नहीं:मोइली

Last Updated 01 Feb 2010 01:20:05 PM IST


नयी दिल्ली। सरकार एक ऐसा कानून लाने पर विचार कर रही है जिसके तहत मामूली भ्रष्टाचार में लिप्त या संदिग्ध छवि वाले न्यायाधीश भी उच्चतर अदालतों में पदोन्नति से वंचित रह जाएंगे। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने यहां कहा कि सरकार जजों की जिम्मेदारी तय करने और न्यायपालिका में पारदर्शिता लाने के लिए संसद के बजट सत्र में एक विधेयक लाएगी। जिसके प्रावधानों के तहत उन न्यायाधीशों को पदोन्नति के अवसर नहीं दिये जाएंगे, जिनकी और शक की सुई थोड़ी सी भी घूमती नजर आएगी। महाभियोग की प्रक्रिया में बदलाव पर भी होगा विचार मोइली ने साइबर कानून क्रियान्वयन कार्यक्रम में अलग से संवाददाताओं से कहा संबंधित कानून में न्यायाधीशों के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया में बदलाव पर भी विचार किया जाएगा। प्रस्तावित न्यायाधीश मानक एवं जवाबदेही विधेयक के बारे में एक सवाल मोइली ने कहा कि उच्च न्यायपालिका के सदस्य पर महाभियोग लगाने की शक्ति संसद के पास रहेगी। विधेयक में न्यायाधीशों द्वारा की जाने वाली भूल-चूक से जुड़े मुद्दों का ब्योरा होगा। जजों से जुड़े मुद्दे पर आरटीआई में बदलाव के संकेत न्यायाधीशों की नियुक्ति एवं नियुक्ति मंडल के फैसले से संबंधी सूचना के खुलासे को आरटीआई कानून के दायरे से मुक्त रखने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा इस कानून में संशोधन की वकालत किये जाने की पृष्ठभूमि में मोइली ने कानून में परिवर्तन के संकेत दिये। उन्होंने कहा कि कुछ प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है। इसमें अन्य देशों की न्यायपालिकाओं से तुलना की जा रही है, लेकिन इसका दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय से कोई लेना-देना नहीं है। यह उससे स्वतंत्र है। चुनाव प्रक्रिया में सुधार का उल्लेख करते हुए मोइली ने कहा कि चुनाव में राजनीतिक दलों को सरकारी मदद देना एजेंडा का हिस्सा है। बजट सत्र में पेश होगा महिला आरक्षण विधेयक उन्होंने अगले बजट सत्र में महिला आरक्षण विधेयक भी सदन में पेश किये जाने का दावा किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के मुद्दे पर किसी राज्य ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई है।



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