PM मोदी और ट्रंप के बीच अच्छे संबंध, व्यापार समझौते से भारत को होगा फायदा : मार्क मोबियस

Last Updated 16 Apr 2025 04:55:35 PM IST

विश्व व्यापार व्यवस्था के भविष्य को लेकर तेज हो रही बहस के बीच दिग्गज वैश्विक निवेशक मार्क मोबियस ने बुधवार को कहा कि अमेरिका के साथ मुक्त द्विपक्षीय व्यापार समझौते से निश्चित रूप से भारत को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच अच्छे संबंध हैं।


उभरते बाजारों (ईएम) के लिए मोबियस ईएम ऑपर्च्युनिटीज फंड चलाने वाले अरबपति निवेशक ने आईएएनएस से कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था में कुछ संकट आएगा, लेकिन अगले कुछ महीनों में ट्रंप कई देशों के साथ व्यापार समझौते करना शुरू कर देंगे और इससे बाजार 'शांत' हो जाएगा। साथ ही बड़ी मंदी की संभावना खत्म हो जाएगी।

मोबियस के अनुसार, ''भारत में क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्शन एजेंसी जैसी कई गैर-टैरिफ बाधाएं हैं।''

उन्होंने कहा, "यह सबसे अच्छा होगा अगर भारत उन सभी बाधाओं को खत्म कर दे और अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौता कर ले।"

भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के पहले चरण पर हस्ताक्षर करने के लिए काम कर रहे हैं ताकि 2025 की निर्धारित समय सीमा से पहले टैरिफ कम किया जा सके। इस समझौते के संदर्भ की शर्तें पहले ही तय की जा चुकी हैं।

अगर व्यापार सौदा समय-सीमा के भीतर पूरा हो जाता है, तो दोनों देशों को लाभ होगा।

मोबियस के अनुसार, ''पूरी तरह से मुक्त व्यापार वातावरण सबसे अच्छा होगा, लेकिन अधिकांश देश, विशेष रूप से चीन, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों का पालन करने और पारस्परिक व्यापारिक समझ का पालन करने के लिए तैयार नहीं हैं।''

उन्होंने कहा, "अमेरिका दुनिया भर के देशों से रेसिप्रोसिटी की मांग कर रहा है ताकि व्यापार असंतुलन को दूर किया जा सके और सभी देशों में मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित किया जा सके।"

व्हाइट हाउस फैक्ट शीट के अनुसार, ''चीन को अब अपने प्रतिशोधी टैरिफ के परिणामस्वरूप अमेरिका में आयात पर 245 प्रतिशत तक टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है। यह तब हुआ जब बीजिंग ने अपनी एयरलाइनों को चीनी सामानों पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगाने के अमेरिकी फैसले के जवाब में बोइंग जेट की कोई और डिलीवरी नहीं लेने का आदेश दिया।''

व्हाइट हाउस के अनुसार, ''अमेरिकी राष्ट्रपति चीन के साथ व्यापार समझौता करने के लिए तैयार हैं, लेकिन बीजिंग को पहला कदम उठाना चाहिए।''

आईएएनएस
नई दिल्ली


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