तीन सरकारी ऊर्वरक कारखानों को गैस आधारित ब
Last Updated 21 Jan 2010 03:58:15 PM IST
|
नयी दिल्ली। सरकार ने नेशनल फर्टिलाइजर्स लि. की तीन रासायनिक खाद कारखानों को बदलकर गैस आधारित बनाने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी। इस पर 4,000 करोड़ रुपए का खर्च होने का अनुमान है।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने नेशनल फर्टिलाइजर्स लि. (एनएफएल) के नांगल, पानीपत और बठिंडा संयंत्रों को प्राकृतिक गैस आधारित इकाइयों में तब्दील करने की मंजूरी दी है। इन संयंत्रों पर लगभग 4,000 करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है।
जहां नांगल संयंत्र में 1478. 63 करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है वहीं पानीपत और बठिंडा कारखानों को गैस आधारित इकाइयों में तब्दील करने पर क्रमश: 1292. 94 करोड़ रुपए और 1294. 94 करोड़ रुपए का खर्च होने का अनुमान है।
प्रवक्ता ने कहा कि मंत्रिमंडलीय समिति ने कनवर्सन सब्सिडी से संबंधित छह मार्च 2009 की नीति में भी संशोधन का निर्णय किया है ताकि इसके लिए दी जाने वाली पूंजीगत सहायता पर आय कर न लगे।
इसमें यह तर्क दिया गया है कि प्रौद्योगिकी परिवर्तन पर कंपनी के खर्च की वापसी पूंजीगत है इस लिए उप पर कर नहीं लगाया जा सकता। एनएफएल के तीन संयंत्रों को गैस आधारित बनाने का काम पूरा होने पर सालाना प्रति इकाई 40 करोड़ रुपए की सब्सिडी की बचत होगी। साथ ही इससे इन इकाइयों को अपने मौजूदा अमोनिया संयंत्रों को आधुनिक बनाने में भी मदद मिलेगी।
Tweet |