बीटी बैंगन का विरोध, 20 हजार बैंगनों का बनेगा ê
Last Updated 05 Feb 2010 09:34:57 AM IST
![]() |
नई दिल्ली। पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयराम रमेश को भारत में बीटी बैंगन की व्यावसायिक खेती रोकने के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए स्वयंसेवी संस्था ग्रीनपीस की 20,000 बैंगनों का भर्ता बनाने की योजना है। यह संख्या बीटी बैंगन के विरोध में हस्ताक्षर करने वालों के बराबर होगी।
ग्रीनपीस ने एक ऑनलाइन अभियान 'दुनिया का सबसे बड़ा बैंगन भर्ता' शुरू किया और आनुवंशिक रूप से संशोधित बैंगनों की खेती की अनुमति देने की सरकार की योजना के विरोध में लोगों के हस्ताक्षर एकत्र कर रही है।
ग्रीनपीस के अनुसार विरोध पर हस्ताक्षर करने वाले हर व्यक्ति के नाम पर एक बैंगन होगा और उसका नाम रमेश के सामने पेश की जाने वाली याचिका में शामिल होगा। ऑनलाइन अभियान 28 जनवरी को आरंभ हुआ था और इसका उद्देश्य 10,000 हस्ताक्षर एकत्र करना था। अब तक 19,000 से अधिक हस्ताक्षर एकत्र हो चुके हैं।
ग्रीनपीस इंडिया के जयकृष्ण ने कहा, दुनिया के सबसे बड़े बैंगन भर्ता अभियान का उद्देश्य बीटी बैंगन का विरोध करने वाले हजारों लोगों को अवसर उपलब्ध कराना है। यह बीटी बैंगन को अनुमति नहीं देने के लिए रमेश पर लगातार दबाव बनाए रखने का प्रयास है।
उन्होंने कहा कि केवल 48 घंटों में हस्ताक्षरों का लक्ष्य पूरा होने के बाद अब उनका उद्देश्य 18 फरवरी को दिल्ली में 20,000 बैंगनों का भर्ता बनाना है। इसका संभावित स्थान दिल्ली हाट हो सकता है और सेलिब्रिटी तरला दलाल ने कार्यक्रम को शुरू करने की रूचि दिखाई है।
जयकृष्ण ने कहा कि वे 20,000 बैंगन खरीदेंगे। लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स ने इसमें रुचि दिखाई है।
उन्होंने कहा कि इस भर्ते को स्वयंसेवी संगठनों और दिल्ली नगर निगम के रात्रि विश्रामालयों में रह रहे गरीब लोगों में वितरित किया जाएगा। इसे बेघर लोगों के लिए काम कर रहे अनाथालयों और गिरजाघरों में भी बांटा जाएगा।
जेनेटिक इंजीनियरिंग एप्रूवल कमेटी (जीईएसी) ने पिछले वर्ष बीटी बैंगन की वाणिज्यिक खेती की अनुमति दी थी। परंतु समिति के एक सदस्य के निर्णय से पहले सभी आवश्यक परीक्षण नहीं किए जाने का आरोप लगाने के बाद रमेश ने इस मामले में पूरे देश में जन सुनवाई आरंभ की है।
अभी तक वह कोलकाता, भुवनेश्वर, हैदराबाद, बेंगलुरू, नागपुर, अहमदाबाद और चण्डीगढ़ में सुनवाई कर चुके हैं।
Tweet![]() |