हमें बढ़ाने होंगे कारोबारी ’इन्क्यूबेटर’ : च
Last Updated 08 Feb 2010 02:40:59 PM IST
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नयी दिल्ली। विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने उद्यमशीलता को बढ़ावा देती व्यवस्था ’बिजनेस इन्क्यूबेटर’ के लिये प्रयास तेज करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए आज कहा कि नवाचार को कारोबारी समर्थन मिलना चाहिये।
चव्हाण ने यहां ’इंडियन स्टेप एंड बिजनेस इन्क्यूबेटर’ (आईएसबीए) के सम्मेलन में कहा, ’’कारोबारी ’इन्क्यूबेटर’ की अवधारणा 1952 में अमेरिका से शुरू हुई थी। नवाचार आधारित उद्यमशीलता को बढ़ावा देते अमेरिका में।,400, ब्रिटेन में 270 और चीन में करीब तीन हजार ’इन्क्यूबेटर’ हैं। भारत के पास ऐसे महज 40 ’इन्क्यूबेटर’ ही हैं। हमें इन्हें बढ़ाने की जरूरत है।
कारोबारी इन्क्यूबेटर वे संस्थान होते हैं जो नवाचार के क्षेत्र में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिये आर्थिक, विपणन, विज्ञापन और ब्रांडिंग की मदद मुहैया कराते हैं। ऐसे ही संस्थानों का एक संगठन आईएसबीए है।
चव्हाण ने कहा, पहले यह सोचा जाता था कि सरकार ही उद्यम स्थापित करेगी लेकिन अब ऐसा नहीं किया जा सकता। अब निजी क्षेत्र को आगे आना होगा और उद्यमशीलता का ऐसा माहौल निर्मित करना होगा, जिससे रोजगार के अवसर निर्मित हो सकें।
उन्होंने कहा, राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने नये दशक को नवाचार का दशक घोषित किया है। इसके लिये हमें शोध और विकास कार्यों को बढ़ावा देना होगा और ऐसे प्रयास करने होंगे जिससे शोध कार्यों का आम आदमी तक फायदा पहुंचे।
चव्हाण ने कहा कि अभी हम शोध और विकास के मामले में पीछे हैं। विश्व के देश अपने सकल घरेलू उत्पाद का औसतन तीन फीसदी इस क्षेत्र पर खर्च करते हैं, जबकि भारत में अभी एक फीसदी ही शोध और विकास गतिविधियों पर खर्च हो रहा है। उन्होंने कहा कि महज शोध पत्र तैयार होने से ही उद्देश्य हासिल नहीं हो पायेगा। हमें ऐसे नवाचार की जरूरत है जो तकनीक में तब्दील होकर आम आदमी तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि इसके लिये हमें युवा विज्ञानियों की जरूरत है। सरकार ने हर वर्ष 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने वाले ढ़ाई करोड़ बच्चों में से ढ़ाई लाख बच्चों को छात्रवृत्ति की पेशकश देने और फिर इनमें से 20 से 30 फीसदी बच्चों को 32 वर्ष की उम्र तक शोध कार्यों के लिये आर्थिक मदद देने का फैसला किया है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. टी. रामास्वामी ने कहा, हम अच्छे विचार को वास्तविकता में नहीं बदल पाते। हमें इस आदत को बदलना होगा। इसमें कारोबारी ’इन्क्यूबेटर’ भूमिका निभा सकते हैं।
आईएसबीए ने कारोबारी ’इन्क्यूबेशन’ के लिये 55 करोड़ रुपए मूल्य के त्रिपक्षीय करारनामे पर हस्ताक्षर किये हैं। इसके तहत संगठन की सदस्य कंपनियों को सहायता कोष मुहैया कराया जायेगा।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असाधारण नवाचार लाने वाली नौ कंपनियों एग्रोकॉम, कैटेलिज, ग्लो टेक, इनोवा ऑटोमेशन, मैट्रिक्स एग्री साइंसेज, प्रॉबिटी सॉफ्टवेयर, स्कावा सिस्टम्स, प्योर टेक और ओमनी ब्रिज को चव्हाण ने वर्ष 2010 के लिये पुरस्कार वितरित किये। वर्ष 2008 का राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कारोबारी ’इन्क्यूबेटर’ पुरस्कार वीआईटी वेल्लूर को दिया गया।
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