टैक्सी मामले पर ठाकरे ने चव्हाण पर साधा निश
Last Updated 22 Jan 2010 02:51:13 PM IST
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मुंबई। शिवसेना के मुखिया बाल ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए राज्य के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर निशाना साधा है। उन्होंने पहले मुख्यमंत्री के नाम एक खत लिखा है, जिसमें उन्होंने मुंबई में टैक्सी परमिट मामले पर अशोक चव्हाण के बयान से पलटने को लेकर तीखी टिप्पणी की है। बाद में अपने संपादकीय में उन्होंने चव्हाण पर तीखे हमले किए हैं।
बाल ठाकरे ने लिखा है कि मुख्यमंत्री जी अब पलटने वाली राजनीति को बंद कीजिए। मत भूलिए कि आपकी सरकार लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर आई है। आपने कल फैसला लिया था कि नए टैक्सी चालकों को परमिट लेने के लिए मराठी लिखना, पढ़ना और बोलना आना जरूरी है। साथ ही उसे 15 साल से महाराष्ट्र का निवासी भी होना जरूरी है। लेकिन कांग्रेस का मुख्यमंत्री लाचार और असहाय है और जिसके रीढ़ की हड्डी नहीं होती। इसका सबूत मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने दे दिया है। मुंबई में टैक्सी चलाने के लिए कठोर नियमों का ऐलान मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक के बाद किया था, लेकिन 24 घंटे में मुख्यमंत्री अपने बयान से पलट गए।
उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री टैक्सी वालों के लिए मराठी के साथ हिंदी, और गुजराती भाषा भी आती है तो चलेगा, यह कहकर मराठी मानुष की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ठाकरे ने लिखा है कि महाराष्ट्र सरकार का पहले वाला फैसला ही सही था और इस पर उसे अमल करना ही होगा। मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण कल का फैसला याद रखो, जिस पर आपको अमल करना है और आप अपने फैसले पर कायम रहो। उन्होंने लिखा है कि 24 घंटे में ऐसा क्या हुआ कि आप पलट गए।
ठाकरे ने लिखा है कि महाराष्ट्र में मराठी लिखना और बोलना आना ही चाहिए। कसाब कोर्ट में मराठी बोलता है, फिर अबु आजमी को क्या तकलीफ है। मुंबई में परप्रांतियों को रोकने के लिए परमिट राज की मांग हम सालों से कर रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री की तरह बयान से पलटते नहीं हैं।
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