पुणे विस्फोट भी नहीं डिगा पाया हौसला
Last Updated 14 Feb 2010 03:31:00 PM IST
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'मीट एंड ईट': मिलो और खाओ पियो
पुणे। मुंबई हमलों के बाद देश में पहले आतंकवादी हमलों का सामना करने वाले पुणे शहर की मशहूर जर्मन बेकरी में आज उत्सुक लोगों का तांता लगा रहा और सुरक्षा बल भी यहां पूरी मुस्तैदी बनाये हुए हैं।
खान-पान के एक प्रमुख स्थान जर्मन बेकरी में कल सप्ताहांप्त की शाम आतंकियों ने विस्फोट कर दिया जिसमें नौ लोगों की जान चली गई और 57 लोग घायल हो गए। लेकिन यह घटना लोगों के हौसले डिगा नहीं पाई और स्थानीय एवं विदेशी नागरिक इस 'मीट एंड ईट': मिलो और खाओ पियो के नाम से मशहूर इस स्थान पर पहुंच कर सब देख सुन रहे हैं।
घटनास्थल पर मौजूद एक स्थानीय नागरिक परेश थोराट ने कहा कि जर्मन बेकरी ऐसी जगह है जहां मैं अपने दोस्तों के साथ समय बिताने आता था। मैं पुणे से बाहर रहने वाले अपने कई दोस्तों को ओशो आश्रम और इलाके के अन्य पॉश बंगले दिखाने के लिए लाया था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि यहां ऐसा होगा।
इस मौके पर वहां मौजूद विदेशी पर्यटकों में भी इस घटना से कोई डर भय नहीं दिखाई दिया। विदेशी नागरिकों को स्थानीय लोगों और पुलिसकर्मियों से इस बाबत जानकारी लेते देखा गया।
वहां मौजूद एक विदेशी नागरिक रेने ने कहा कि मैं डरा नहीं हूं। यह ऐसी चीजें हैं जो कहीं भी हो सकती हैं। यह एक अच्छी जगह है और मैं यह कह सकता हूं कि आतंकवादी हमें डराने में असफल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है, जिससे जांचकर्ताओं को सुबूत जुटाने में सहायता मिल सके।
गौरतलब है कि जर्मन बेकरी ओशो आश्रम के पास स्थित है और यह जगह विदेशी नागरिकों की बेहद पसंदीदा जगह रही है। यहां पर कुछ समय पहले लश्कर-ए-तैय्यबा आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली भी घूम कर गया था।
कल शाम हुई इस घटना के दृश्य लोगों तक पहुंचाने में मीडियाकर्मियों में भी होड़ सी दिखाई दी। टीवी चैनलों के कैमरे बेकरी के चारों ओर के चित्रों को कैद करते हुए दिखाई पड़े।
हालांकि जांचकर्ताओं के काम में त्रुटि की संभावना खत्म करने के लिए प्रशासन ने घटनास्थल को शामियाने से घेर रखा है। इसके अलावा पुणे के दक्षिणी कमाण्ड की रक्षा टुकड़ियों और नव निर्मित फोर्स वन के जवानों को वहां पर तैनात किया गया है।
इन सबके अलावा पीड़ितों के परिजनों की भीड़ भी ससून, उधरानी और जहांगीर स्थित अस्पतालों में देखी जा सकती है।
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