भारत आने का मौका नहीं गंवाना चाहतीं जर्मन क
Last Updated 21 Jan 2010 07:15:30 PM IST
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फ्रैंकफर्ट। भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को देखते हुए जर्मनी की कंपनियां भारतीय बाजार में उतरने के मौके को गंवाना नहीं चाहती हैं। जर्मनी के राष्ट्रपति के फरवरी में होने वाले भारत दौरे के अवसर को वह द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भुनाना चाहती हैं।
जर्मनी के व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति हॉर्स्ट कोहलर के साथ भारत दौरे पर आएगा। राष्ट्रपति कोहलर की भारत यात्रा एक फरवरी से शुरू होकर सात फरवरी तक चलेगी।
गौरतलब है कि निराशाजनक बुनियादी सुविधाओं और सुस्त नौकरशाही की समस्या के बावजूद भारत जर्मनी के उद्योग जगत की पसंद बना हुआ है।
फ्रैंकफर्ट की जर्मन एसोसिएशन ऑफ मशीनरी एवं औद्योगिक संयंत्रों के मुताबिक भारत में 40 करोड़ लोगों के मध्यम वर्गीय विशाल बाजार को देखते हुए जर्मनी की कंपनियां यहां अपने व्यापार विस्तार के मौके को गंवाना नहीं चाहती हैं।
फ्रैंकफर्ट में भारत के महावाणिज्य दूत अजीत कुमार ने कहा, ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमने निर्धारित समय सीमा से तीन वर्ष पहले ही 2008 में अपने व्यापार को पांच अरब यूरो से बढ़कर 10 अरब यूरो तक के लक्ष्य तक पहुंचाया है। हमारा द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2008 में बढ़कर 13.4 अरब यूरो तक पहुंच गया है। इस वर्ष व्यापार और आगे बढ़ेगा।‘
अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में भारत के बढ़ते वजन का हवाला देते हुए कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति की भारत यात्रा जर्मनी के साथ भारत के जुड़ाव को न केवल द्विपक्षीय मुद्दों पर बल्कि बहुपक्षीय मुद्दों के संदर्भ में एक साथी के रूप में रेखांकित करता है।
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