डकैत ददुआ के बाद चेला सुन्दर का आतंक
Last Updated 18 Feb 2010 07:59:41 PM IST
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फतेहपुर। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में आतंक फैलाने वाले डकैत ददुआ और ठोकिया के मारे जाने के बाद पुलिस प्रशासन तथा जनता ने राहत की सांस ली थी लेकिन अब उसके चेले सुन्दर पटेल के आतंक ने लोगों का जीना हराम कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार डेढ लाख का ईनामी डकैत सुन्दर पटेल झारखंड के अपने नक्सली साथी राम सिंह के साथ खुले आम घूमता है तथा ठेकेदारों और विकास कार्य कराने वालों से रंगदारी वसूलता है। किसी की हिम्मत नहीं कि उसे मना करे दे। ऐसा दुस्साहस करने वाले को या तो इलाका छोडना पडता है या फिर दुनियां।
उत्तर प्रदेश का इलाहाबाद,कौशाम्बी,फतेहपुर,प्रतापगढ,रायबरेली, हमीरपुर,बांदा,चित्रकूट तथा मध्यप्रदेश का रीवां, ग्वालियर, सतना,भिंड और जबलपुर सुन्दर एवं रामसिंह के प्रभाव वाला क्षेत्र है।
इलाहाबाद के पुलिस उपमहानिरीझक चन्द्रप्रकाश का कहना है कि दोनों की तलाश में पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के जवान लगे हैं। किसी भी दिन दोनों पुलिस की गिरफ्त में होंगे या उनका सफाया हो जायेगा।
चित्रकूट के रैपुरा इलाके के देवकली गांव में जन्में पांच लाख रूपये के ईनामी डकैत ददुआ के मारे जाने के बाद पुलिस ने दावा किया था कि बुंदेलखंड तथा गंगा यमुना के किनारे वाले उत्तर प्रदेश तथा मध्यप्रदेश के जिले अब शांत होंगे तथा डकैतों का प्रभाव खत्म हो जायेगा लेकिन ददुआ के मारे जाने के चौबीस घंटे के बाद ही ठोकिया ने एसटीएफ के सिपाहियों की हत्या कर इस दावे को झाठुला दिया।
ठोकिया के मारे जाने के बाद बुंदेलखंड और दोआब के डकैत प्रभावित इलाकों में मिठाईयां बांटी गयीं लेकिन बाद में उसके छोटे भाई दीपक पटेल ने इस गिरोह की कमान संभाल ली। दीपक ने सबसे पहले उन दो पुलिस वालों को मारा जिनकी मुखबिरी के कारण ठोकिया मारा गया था। इस हत्याकांड के बाद वह जेल चला गया। ठोकिया के दोनों भाई बांदा जेल में बंद हैं। ददुआ के मारे जाने के बाद उसके शस्त्रों का भंडार अब सुन्दर पटेल के पास है.जिसमें एके 47,हल्की मशीनगन,30 स्प्रिंग फील्ड रायफलें हैं।
इसके अलावा उसके पास हथगोले का भी अच्छा खासा भंडार है। सुन्दर और झारखंड के नक्सली रामसिंह की तलाश में उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की पुलिस दर-दर भटक रही है।
नक्सली कमांडर राम सिंह पर झारखंड की पुलिस ने दो लाख रूपये का ईनाम घोषित कर रखा है।
इसके अलावा जो अपने गिरोह में रागिया के नाम से मशहूर सुंदर मध्यप्रदेश के सतना जिले के कटेढी गांव का रहने वाला है। उसका गांव चित्रकूट की सीमा पर है। सुन्दर ने मुखबिरी के शक में सतना के एक गांव में बारह लोगों को जलाकर मार डाला था। उसे इस मामले में आजीवन कारावास की सजा मिली हुई है। उसका साथी सुरेश पटेल इतना खूंखार है कि पुलिस को देखते ही गोली चला देता है।
सूत्रों का कहना है कि तेंदू पत्ते से लेकर सडक .बांध तथा अन्य विकास कार्य में इसका 40 प्रतिशत कमीशन तय है। कमीशन नहीं देने वाले ठेकेदार को या तो इलाका छोडना पडता है या फिर दुनिया। बुंदेलखंड का विकास नहीं होने में भी इन डकैतों की अहम भूमिका है।
दोनों अपने जाति के प्रभावित इलाकों में आराम से रहते हैं क्योंकि बिरादरी के लोगों से इनको संरझण मिला हुआ है। इनके बारे में कोई भी बिरादर पुलिस को सूचना नहीं देता। यमुना के तटवर्ती इलाकों के किसानों ने डर से अपने खेतों में जाना बंद कर दिया है। नक्सली कमांडर के साथ रहने से पूरे इलाके में नक्सली उन्माद भडकने का भी डर है।
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