आंध्र प्रदेश और ओडिशा की सीमा पर पूर्वी घाट की सुरम्य पहाड़ियों में बसा ‘कोटिया’ गांव के मतदाता दोनों ही राज्य में अपने क्षेत्रीय अधिकारों का दावा करते हैं।
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ओड़िशा और आंध्र प्रदेश द्वारा जारी किए गए दो मतदाता पहचान पत्रों से लैस, विवादित कोटिया क्षेत्र के 5,500 से अधिक मतदाता 13 मई को आम चुनाव के चौथे चरण में दोनों राज्यों के चुनावों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के पात्र हैं।
कोटिया क्लस्टर के 28 गांवों में से इक्कीस पर दोनों राज्य अपना दावा करते हैं, और यह विवाद 1968 से उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
विवाद के कारण, कोटिया के निवासियों को दोनों राज्यों का सर्वश्रेष्ठ मिलता है, क्योंकि उनके पास दोनों राज्यों की ओर से जारी किए गए आधार और राशन कार्ड हैं और उन्हें दोनों सरकारों द्वारा घोषित योजनाओं का लाभ मिलता है।
ताडिवलसा गांव के निवासी तमल कनाया ने कहा, ''मैं दोनों राज्यों में मतदान करूंगा। आंध्र प्रदेश का मतदान केंद्र नजदीक है। ओडिशा द्वारा हमारे गांव के लिए बनाया गया बूथ रनसिंह में है और वहां पहुंचने के लिए हमें कुछ मील की दूरी तय करनी होगी। फिर भी हम दोनों राज्यों के चुनावों में भाग लेंगे।''
एक अन्य ग्रामीण गमेल चिन्मयी ने कहा, "हमें दोनों राज्यों के बीच विवाद की चिंता नहीं हैं। हम दोनों राज्यों के लिए वोट करते हैं, क्योंकि हमें दोनों की योजनाओं से फायदा होता है।"
ओडिशा और आंध्र प्रदेश दोनों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे।
ओडिशा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी निकुंज बिहारी धल ने कहा, "कोटिया में दोहरे मतदान का मुद्दा मेरे ध्यान में नहीं आया है। अभी तक किसी ने कोई औपचारिक या अनौपचारिक शिकायत नहीं की है।"
नाम न छापने का अनुरोध करते हुए, ओडिशा के कोरापुट जिले के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि कोटिया के लोग आंध्र प्रदेश और ओडिशा दोनों के चुनावों में वोट डालते हैं।
उन्होंने कहा, "दो राज्यों द्वारा प्रदान किए गए मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड में एक व्यक्ति के दो नाम हैं। मान लीजिए, एक व्यक्ति जिसे ओडिशा में परमेश्वर गामेल के नाम से जाना जाता है, आंध्र प्रदेश के कार्ड में उसका नाम जी परमेश्वर है।"
कोटिया के 28 गांवों में से 21 में 2,913 महिलाओं सहित कुल 5,502 मतदाता हैं। वे ओडिशा एवं आंध्र प्रदेश दोनों में पंचायत से लेकर लोकसभा तक सभी चुनावों में अपना वोट डालते हैं।
अधिकारियों ने कहा कि इस साल के चुनाव के लिए ओडिशा ने क्षेत्र में नौ मतदान केंद्र बनाये हैं, जबकि आंध्र प्रदेश का तीन मतदान केंद्र हैं।
कोटिया ओडिशा में कोरापुट (एसटी) लोकसभा क्षेत्र और आंध्र प्रदेश में अराकू (एसटी) लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। कोरापुट लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है, जबकि अराकू सीट वाईएसआर कांग्रेस के पास है।
कोटिया पंचायत के 28 गांवों में से 21 के स्वामित्व का विवाद 1968 में पहली बार शीर्ष अदालत पहुंचा था। 2006 में शीर्ष अदालत ने माना कि अंतर-राज्यीय सीमाएं उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आती हैं और केवल संसद ही उन्हें हल कर सकती है। न्यायालय ने विवादित क्षेत्र पर स्थायी निषेधाज्ञा लगा दी।
विवादित क्षेत्र में यथास्थिति बनाए रखने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश का हवाला देते हुए ओडिशा प्रशासन की आपत्ति के बावजूद आंध्र प्रदेश ने 2021 में पंचायत चुनाव कराए।
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