Ramlala Pran Pratishtha: सवा लाख क्विंटल फूलों से सजेगा श्रीराम मंदिर का गर्भगृह
Ramlala Pran Pratishtha: प्राण प्रतिष्ठा से पहले श्रीराम जन्मभूमि परिसर करीब सवा क्विंटल देशी-विदेशी फूलों की खुशबू से महकेगा।
सवा लाख क्विंटल फूलों से सजेगा श्रीराम मंदिर का गर्भगृह |
नवनिर्मित श्रीराम मंदिर के साथ परिसर के अन्य हिस्से को फूलों से सजाने का काम शुरू हो गया है। सजावट वाले स्थान पर सेल्फी लेने वालों का जमावड़ा लग रहा है।
श्रीराम जन्मभूमि परिसर में फूलों को सजावट शुरू हो गई है, इसी के साथ श्रीराम मंदिर परिसर के गेट नंबर ग्यारह, गेट नंबर तीन को फूलों से सजाया जा रहा है। कई जगहों के कारीगर फूलों से सजावट करने में जुटे हैं। कनौज से आए इत्र का पूरे नगर में छिड़काव होगा।
त्रेतायुग में भगवान श्रीराम के जन्म लेने और 14 वर्ष बाद वनवास के बाद अयोध्या लौटने पर अवधवासियों की खुशी झलक रही थी, जिसमें देवता भी शामिल रहे, ठीक उसी तर्ज पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर श्रीराम मंदिर समेत अयोध्या को फूलों से सजाया-संवारा जा रहा है।
रंग-बिरंगी बिजली की लाइटों सहित प्राकृतिक सुगंध बिखेरने के लिए देश-विदेश से फूल मंगाए गए हैं। श्रीराम जन्मभूमि परिसर सहित पूरे राम धाम को सजाने के लिए देश और विदेश से करीब सवा लाख कुंतल से अधिक विभिन्न प्रकार की प्रजातियों के फूल आ गए हैं। सजावट का काम राम जन्मभूमि परिसर से शुरू है।
यह सजावट नगर के साथ प्रमुख प्रवेश द्वारों और हाइवे पर भी की जा रही है, जिससे एयरपोर्ट से उतरते ही आमंत्रित मेहमानों को त्रेता की अयोध्या के दिनों की खुशी का एहसास हो।
देश के प्रमुख स्थान कोलकाता, दिल्ली, कानपुर, बेंगलुरु, चंडीगढ़ व मध्यप्रदेश सहित विदेशों से भी विशेष प्रकार की प्रजातियों के फूल मंगाए गए हैं, जिसमें कोनिया, एरिका पान, रजनीगंधा, कनेर, मनोकोमली, टाटा रोज, चाइना पत्ती, सन ऑफ इंडिया, जरबेरा, विक्टोरिया और गुलाब, गेंदा शामिल हैं, इन्हें सजाने के लिए मथुरा, वृंदावन, सीतापुर और पश्चिम बंगाल से लगभग एक हजार से अधिक कारीगर बुलाए गए हैं।
श्रीराम जन्मभूमि के गेट नंबर ग्यारह पर भगवान श्रीरामलला के बालस्वरूप की मूर्ति आकषर्ण का केंद्र बनी हुई है, इसके अलावा गेट नंबर तीन क्षीरेर महादेव के सामने फूलों की सजी लड़ी और उसके बीच बने श्रीगणोश भगवान आकषर्ण का केंद्र बने हुए हैं।
| Tweet |