राजधानी में जोर पकड़ने लगा चुनाव प्रचार
राजधानी में पहले चरण का चुनाव जोर पकड़ने लगा है। सुबह से शाम तक सभी पार्टियों के उम्मीदवार आम जनता के बीच दिखने लगे हैं।
राजधानी में जोर पकड़ने लगा चुनाव प्रचार |
तेज धूप एवं गर्मी के चलते उम्मीदवारों की नियमित मॉर्निग वॉक शुरू हो गई है और शाम देर रात तक आवासीय कालोनियों में नुक्कड़ सभाएं शुरू हो गई हैं। सभी उम्मीदवार अपने-अपने हिसाब से मतदाताओं को लुभा रहे हैं।
उदाहरण के तौर पर नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के उम्मीदवार अजय माकन का जोर सरकारी कर्मचारियों की दिक्कतों एवं सीलिंग पर हैं, तो भाजपा उम्मीदवार मीनाक्षी लेखी अपने पांच साल के विकास कार्यों के साथ ही राष्ट्रवाद के नाम पर नरेंद्र मोदी को पुन: प्रधानमंत्री बनाने की अपील करती दिख रही हैं।
सभी पार्टियों के उम्मीदवारों के पोस्टर भी अब नजर आने लगे हैं।
चुनाव प्रचार शुरू होते ही उम्मीदवारों की सुबह-सुबह मॉर्निग वॉक शुरू हो गई है। खासकर नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस एवं भाजपा के उम्मीदवार सुबह-सुबह पार्कों में पहुंचकर मतदाताओं से जनसंपर्क कर रहे हैं। चाहे लोधी गार्डन हो या फिर नेहरू पार्क हो।
हालांकि इन पाकरे में आमतौर पर भी मॉर्निग वॉक करने वालों की खासी भीड़ रहती है, लेकिन इन दिनों यह भीड़ रंग-बिरंगी (पार्टी के झण्डों वाली) है। भाजपा उम्मीदवार ने बड़ी तादाद में टीम लेखी के नाम से अपने समर्थकों को टीशर्ट दी हुई हैं।
टीम लेखी की टीशर्ट के साथ यह कार्यकर्ता भी उनके साथ पार्कों में नजर आ रहे हैं। कमोवेश यही स्थिति कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की है, वह अपने समर्थकों के साथ इन पाकरे में दिख रहे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि आम तौर पर भी यह दोनों नेता लोधी गार्डन में ही मॉनिंग वॉक के लिए आते हैं। मॉनिंग के बाद के शाम होते ही आवासीय कालोनियों में यह उम्मीदवार दिख रहे हैं। शाम को जनसंपर्क के साथ ही नुक्कड़ सभाओं को दौर शुरू हो गया है और यह दौर देर रात तक आवासीय कालोनियों में देखने को मिल रहा है। अभी तक भाजपा के नाम पर नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के राष्ट्रीय राहुल गांधी के ही फोटो वाले होर्डिग नजर आ रहे थे, लेकिन अब अजय माकन एवं मीनाक्षी लेखी के भी पोस्टर जगह-जगह नजर आने लगे हैं।
उम्मीदवारों के पोस्टरों के मामले में भी आप उम्मीदवार ब्रजेश गोयल अब तक पिछड़ते दिख रहे हैं। जानकारों की मानें तो आमतौर पर नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में शुरू से ही चुनाव प्रचार का यही तरीका रहा है। इसके पीछे उनका तर्क है कि नयी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की दो विधानसभा नयी दिल्ली एवं कस्तूरबा नगर में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी रहते हैं।
| Tweet |