‘मातृ वंदना योजना के लिए बहुत कम बजट दिया गया’, राज्यसभा में सोनिया गांधी ने लगाया आरोप

Last Updated 26 Mar 2025 03:11:48 PM IST

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने बुधवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का विषय राज्यसभा में उठाया।


उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत मातृत्व अधिकारों की पूर्ति न होना एक गंभीर चिंता का विषय है।  

सोनिया गांधी ने राज्यसभा में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में पारित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का आधार रहा है। इस अधिनियम में अनौपचारिक क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं के लिए प्रति बच्चा 6,000 रुपये की मातृत्व पात्रता शामिल है। हालांकि, 2017 में शुरू की गई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) का उद्देश्य इस पात्रता को पूरा करना है, लेकिन यह पहले बच्चे के लिए केवल 5,000 रुपये प्रदान करती है।

उन्होंने कहा कि अगर नवजात लड़की है तो दूसरे बच्चे के लिए भी इसे बढ़ाया जाता है। सोनिया गांधी ने सदन में कहा कि वर्ष 2022-23 के लिए एक सूचित विश्लेषण के अनुसार, लगभग 68 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को अपने पहले जन्मे बच्चे के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की एक किस्त मिली।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगले वर्ष यह संख्या नाटकीय रूप से घटकर केवल 12 प्रतिशत रह गई। सोनिया गांधी ने इस पर अपनी चिंता जाहिर की।

सोनिया गांधी ने कहा कि वह केंद्र सरकार से पूछना चाहेंगी कि ऐसा क्यों होने दिया गया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मातृत्व लाभ प्रावधान के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए लगभग 12,000 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट की आवश्यकता है।

उन्होंने सदन को बताया कि आश्चर्यजनक रूप से, बजट दस्तावेजों में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए आवंटन के बारे में अलग से जानकारी नहीं है। 2025-26 में सामर्थ्य के लिए आवंटन केवल 2,521 करोड़ रुपये है।

उन्होंने कहा कि इससे यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को बहुत कम धन दिया जा रहा है, जिससे संसद द्वारा पारित कानून के प्रमुख प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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