Justice Yashwant House Cash: पुलिस आयुक्त ने जस्टिस वर्मा के आवास पर जले नोटों का जारी किया वीडियो, CJI ने बनाई आंतरिक जांच समिति
Justice Yashwant House Cash: पुलिस आयुक्त द्वारा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर नोटों की जली हुई गड्डियों का वीडियो साझा किए जाने और दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा अपने प्रारंभिक निष्कर्षों में ‘‘गहन जांच’’ का आह्वान किए जाने के बाद भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई - CJI) संजीव खन्ना ने वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित की है।
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एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति वर्मा के आवास से कथित रूप से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय की जांच रिपोर्ट को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया, जिसमें संपूर्ण वीडियो और तस्वीरें हैं।
मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय की सीजेआई को दी गई रिपोर्ट में आधिकारिक संचार के संबंध में सामग्री शामिल है, जिसमें कहा गया है कि लुटियंस दिल्ली स्थित न्यायमूर्ति के आवास से रुपयों की चार से पांच अधजली बोरियां बरामद की गईं।
मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय ने शनिवार की शाम सार्वजनिक की गई 21 मार्च की अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘घटना की सूचना, उपलब्ध सामग्री और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के जवाब की जांच करने पर मुझे पता चला कि पुलिस आयुक्त ने 16 मार्च 2025 की अपनी रिपोर्ट में बताया कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर तैनात गार्ड के अनुसार, 15 मार्च 2025 की सुबह जिस कमरे में आग लगी, वहां से मलबा और आंशिक रूप से जला हुआ अन्य सामान हटा दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप, मेरी प्रथम दृष्टया राय है कि पूरे मामले की गहन जांच की आवश्यकता है। सीजेआई द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति में न्यायमूर्ति शील नागू (पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश), जी एस संधावालिया (हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश) और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अनु शिवरमन शामिल हैं। शीर्ष अदालत ने कहा, ‘फिलहाल दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को न्यायमूर्ति वर्मा को कोई भी न्यायिक कार्य न सौंपने के लिए कहा गया है।’
तीन सदस्यीय जांच समिति द्वारा जांच पूरी करने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है। उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड की गई न्यायमूर्ति उपाध्याय की 25 पन्नों की जांच रिपोर्ट में हिंदी में दो संक्षिप्त नोट हैं, जिनमें जिक्र किया गया है कि 14 मार्च को न्यायमूर्ति वर्मा के आवास के ‘स्टोररूम’ में लगी आग को बुझाने के बाद चार से पांच अधजली बोरियां मिली हैं ‘‘जिनके अंदर भारतीय मुद्रा भरे होने के अवशेष मिले हैं।’’
#WATCH | Delhi: Burnt debris seen near the residence of Delhi High Court judge Justice Yashwant Varma. pic.twitter.com/PTI4vCVXY5
— ANI (@ANI) March 23, 2025
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि शॉर्ट-सर्किट के कारण आग लगी। दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा द्वारा न्यायमूर्ति उपाध्याय के साथ साझा किए गए वीडियो में स्पष्ट रूप से जली हुई नकदी और आग बुझाते हुए अग्निशमनकर्मी दिखाई दे रहे हैं।
मुझे बदनाम करने की साजिश : जस्टिस वर्मा
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने अपने आधिकारिक आवास पर मारी मा में नकदी बरामदगी से इनकार किया है।
उच्चतम न्यायालय की ओर से जारी दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय की रिपोर्ट में न्यायमूर्ति वर्मा अपने आधिकारिक आवास पर कथित तौर पर भारी मात्रा में रुपए बरामदगी की सूचनाओं को फंसाने और बदनाम करने की साजिश की तरह होने का दावा किया।
शीर्ष अदालत की बेवसाइट पर जारी 25 पन्नों की रिपोर्ट में न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा, ‘‘न तो मैंने और न ही मेरे परिवार के किसी सदस्य ने कभी भी उस स्टोररूम में कोई नकदी या मुद्रा जमा कर रखी थी।
उन्होंने दावा किया कि पूरी घटना हाल ही में हुई घटनाओं के एक क्रम का हिस्सा है, जिसमें दिसंबर 2024 में सोशल मीडिया पर प्रसारित निराधार आरोप भी शामिल हैं।
न्यायिक प्रणाली में कम हो रहा विश्वास
न्यायिक प्रणाली के प्रति लोगों का विश्वास कम होने का दावा करते हुए राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा है कि विकल्प तभी मिल सकते हैं जब सरकार और न्यायपालिका दोनों यह स्वीकार करें कि न्यायाधीशों की नियुक्ति सहित मौजूदा पण्रालियां कारगर नहीं रह गई हैं।
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