Atal Bihari Vajpayee: जन मन की समझ रखने वाले महान राजनेता थे अटल जी
अटल बिहारी वाजपेयी जी भारतीय राजनीति का वह नाम हैं, जो न केवल एक कुशल नेता थे, बल्कि जनमन की नब्ज को समझने वाले दूरदर्शी और संवेदनशील राजनेता भी थे।
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उनकी वाणी में कवित्व था, विचारों में गहराई और व्यक्तित्व में ऐसा आकर्षण, जिसने उन्हें जनता के दिलों में हमेशा के लिए अमर बना दिया। अटल जी राजनीति के मैदान में दृढ़ता और विनम्रता का अद्भुत संगम थे।
अटल जी राजनीति को केवल सत्ता का साधन नहीं मानते थे, बल्कि उसे समाज सेवा का माध्यम समझते थे। उनके भाषणों में लोगों की भावनाओं को छू लेने की क्षमता थी। जब वे संसद में बोलते थे, तो उनकी वाणी श्रोताओं के दिलों तक सीधे पहुंचती थी। उन्होंने हमेशा जनहित को प्राथमिकता दी और उनकी नीतियां गरीब, किसान, युवा और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित रहीं। अटल जी ने स्वतंत्रता के बाद एकछत्र राज करने वाली कांग्रेस के तिलिस्म को तोड़ते हुए दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में नागरिकों को एक सशक्त राजनीतिक विकल्प प्रदान किया। उस समय, जब पूरे देश में कांग्रेस का दबदबा था, जनसंघ जैसे नए दल और उसका झंडा थामे युवा अटल जी के लिए राहें बेहद कठिन थीं।
1957 में जब अटल जी लोकसभा के लिए चुने गए, तब जनसंघ संख्याबल के आधार पर कांग्रेस के सामने कोई बड़ी चुनौती पेश नहीं कर पा रहा था। लेकिन अटल जी ने अपने विचारों और कुशल नेतृत्व से जनसंघ को वैचारिक रूप से इतना सशक्त बना दिया कि संख्याबल एक गौण मुद्दा बनकर रह गया। उनके भाषण और विचार कांग्रेस की सत्ता को चुनौती देते हुए उसकी नींव हिला देने वाले साबित होते थे।
प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए, जिन्होंने देश की दिशा और दशा को बदल दिया। राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (गोल्डन क्वाड्रिलेटरल): यह योजना देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में मील का पत्थर साबित हुई। भारत के परमाणु परीक्षण (पोखरण-2): 1998 में अटल जी के नेतृत्व में भारत ने खुद को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र के रूप में स्थापित किया, जिससे भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत हुई। कश्मीर मुद्दे पर शांति प्रयास: अटल जी ने "इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत" का मंत्र देते हुए कश्मीर समस्या का हल खोजने का प्रयास किया। आईटी और टेलीकॉम सेक्टर में क्रांति: उनके शासनकाल में आईटी क्षेत्र और दूरसंचार उद्योग ने उल्लेखनीय प्रगति की।
राष्ट्रहित और 'राष्ट्र प्रथम' के मंत्र को अपने जीवन का उद्देश्य बनाने वाले अटल जी के लिए देश से बढ़कर कुछ भी नहीं था। अटल जी में वह शक्ति और कौशल था, जो समय की धारा को नई दिशा देने में सक्षम था। यह न केवल सत्य है बल्कि ऐतिहासिक तथ्य भी है कि अटल जी ने पारंपरिक रास्तों पर चलने की परंपरा को तोड़ते हुए सामाजिक और राजनीतिक जीवन में नई शुचिता और उच्च आदर्शों की स्थापना की। उनके बोले गए हर शब्द सीधे आम जनमानस के दिल में उतरते थे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अटल जी के बारे में लिखा है कि अटल जी को यह गहराई से पता था कि कब क्या कहना है, कितना कहना है, और कब मौन रहना है। उन्होंने इस कला में महारत हासिल की थी। जैसा कि किसी ने सही कहा है, "कौन सी बात कहां कही जाती है! यह सलीका हो तो हर बात सुनी जाती है!" अटल जी ने इस पंक्ति को पूरी तरह से चरितार्थ किया।
अटल जी का विचार था, "हम केवल अपने लिए न जीएं, बल्कि दूसरों के लिए भी जीएं। राष्ट्र के लिए अधिक से अधिक त्याग करें। यदि भारत की स्थिति कमजोर और दयनीय है, तो दुनिया हमारा सम्मान नहीं करेगी। लेकिन यदि हम हर दृष्टि से सशक्त और सुसंपन्न हैं, तो पूरी दुनिया हमारा सम्मान करेगी।" अटल जी के विचार और उनकी जीवनशैली आज भी हमें यह सिखाती है कि राष्ट्र के प्रति समर्पण और निःस्वार्थ सेवा से ही सच्ची सफलता और सम्मान प्राप्त किया जा सकता है।
अटल जी का कवि हृदय उनकी राजनीति में भी झलकता था। उनकी कविताएं आम आदमी की संवेदनाओं और देशभक्ति की गहरी भावना को प्रकट करती हैं। उनकी कविताएं न केवल शब्दों का संकलन थीं, बल्कि वे समाज के लिए एक प्रेरणा थीं। "हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा" जैसे उनके काव्यांश आज भी संघर्षरत व्यक्तियों को प्रेरित करते हैं।
अटल जी का व्यक्तित्व राजनीतिक कटुता से परे था। उनके राजनीतिक विरोधी भी उनकी प्रशंसा किए बिना नहीं रह सकते थे। संसद में उनके भाषणों में तार्किकता और हास्य का ऐसा मिश्रण होता था, जो श्रोताओं को सम्मोहित कर देता था। उनकी शालीनता और सौम्यता के कारण वे विरोधी दलों के नेताओं के लिए भी आदरणीय थे।
अटल जी ने हमेशा जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझा। उन्होंने गरीबों, किसानों और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए काम किया। उनकी योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, ग्रामीण भारत को शहरी भारत से जोड़ने का एक ऐतिहासिक प्रयास था। अटल जी एक ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने राजनीति में नैतिकता और मूल्यों को सर्वोपरि रखा। उनके विचार, नीतियां और कार्य भारत के भविष्य के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहेंगे। उनकी दूरदर्शिता, देशभक्ति और कवित्वपूर्ण व्यक्तित्व ने उन्हें भारतीय राजनीति के महानतम नेताओं में शामिल किया।
अटल जी केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक युग थे। उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि एक राजनेता किस प्रकार जनसेवा, दूरदर्शिता और मानवीय संवेदनशीलता के साथ राजनीति को एक नई दिशा दे सकता है। उनकी स्मृतियां हमें सदैव प्रेरित करती रहेंगी। “मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं।” (अटल जी की कविताओं की तरह, उनका जीवन भी एक प्रेरक गीत है।)
--हरीश द्विवेदी
(लेखक भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव और वर्तमान में असम राज्य के प्रभारी हैं)
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