बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी अब अपने उस मुक़ाम पर पहुंच चुकी है, जहां से सीरीज़ एक निर्णायक मोड़ की तरफ़ अग्रसर है।
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मेलबर्न में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा टेस्ट पिछले टेस्ट की ही तरह भारतीय समयानुसार काफ़ी सुबह (पांच बजे) शुरू होगा। यह मैच कई नज़रियों से अहम है। अगर भारत यह टेस्ट हारता है तो डब्ल्यूटीसी के फ़ाइनल में पहुंचने के लिए उन्हें अन्य मैचों के परिणाम पर निर्भर रहना होगा। साथ ही एक दशक के बाद ऐसा होगा, जब ऑस्ट्रेलिया भारत के ख़िलाफ़ कोई टेस्ट सीरीज़ जीतने के काफ़ी क़रीब होगा। वहीं अगर भारत को जीत मिलती है तो वे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी को रिटेन कर लेंगे।
मेलबर्न में मौसम साफ़ रह सकता है और बारिश की काफ़ी कम उम्मीद है। ऐसे में पिछले कुछ समय में इस ग्राउंड पर खेले गए मैचों के परिणामों को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि इस मैच के ड्रॉ होने के काफ़ी कम चांस हैं।
यह सिर्फ़ छह दिन पहले की बात है जब गाबा में मैच का अंत बारिश से हुआ था, लेकिन तब से बहुत कुछ बदल चुका है। अगर आप स्कोरलाइन से अनजान हों, तो ऐसा लग सकता है कि भारत के पास इस सीरीज़ में बढ़त है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया को जसप्रीत बुमराह का मुक़ाबला करने के लिए अपनी ओपनिंग जोड़ी में बदलाव करना पड़ा है। इसका मतलब है कि 19 वर्षीय सैम कॉन्स्टास केवल 11 फ़र्स्ट क्लास मैच खेलने के बाद डेब्यू करेंगे।
लेकिन भारतीय टीम के लिए भी ये कुछ अजीब दिन रहे हैं। विराट कोहली की मेलबर्न एयरपोर्ट पर एक रिपोर्टर के साथ थोड़ी कहा-सुनी हुई थी; रवींद्र जडेजा ने प्रेस कांन्फ़्रेंस में केवल हिंदी सवालों का जवाब दिया, जिससे कुछ लोग नाराज़ हुए और एमसीजी में भारत को ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल की हुई पिचें दिए जाने को लेकर साजिश के आरोप लगाए गए।
महत्वपूर्ण चीज़ों की बात करें तो, भारत अभी भी बुमराह के लिए पर्याप्त समर्थन और ख़राब फ़ॉर्म में चल रहे शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ों से काफ़ी कुछ अपेक्षा कर रहा है। बल्लेबाज़ी क्रम में खिलाड़ियों को बदलने के मामले में भारत के पास ज़्यादा विकल्प नहीं हैं। इसलिए वे उम्मीद करेंगे कि कोई के एल राहुल का साथ दे और उनके साथ घंटों बल्लेबाज़ी कर सके।
चर्चा में उस्मान ख़्वाजा और विराट कोहली
उस्मान ख़्वाजा के लिए यह साल 2013 के बाद से सबसे ख़राब टेस्ट वर्ष है (जब उन्होंने सिर्फ़ तीन मैचों में 19.00 की औसत से रन बनाए थे)। 2024 में उन्होंने अब तक 24.07 की औसत से 337 रन बनाए हैं, जिसमें केवल एक अर्धशतक शामिल है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया का मानना है कि वह फॉर्म से बाहर नहीं, बल्कि रन से दूर हैं, जैसा कि गाबा शतक से पहले स्टीव स्मिथ के साथ था। ख़्वाजा ने अगले साल एशेज को ध्यान में रखते हुए एससीजी पर करियर ख़त्म करने की बात की है, लेकिन यह अगले दो टेस्ट और श्रीलंका सीरीज़ पर निर्भर करेगा।
वहीं दूसरी तरफ़ एक भारतीय महान खिलाड़ी इस सीरीज़ में संन्यास ले चुके हैं, और अटकलें हैं कि अगला कौन होगा। विराट कोहली ने पर्थ की दूसरी पारी में शतक का सूखा ख़त्म ज़रूर किया, लेकिन यह एक अपवाद जैसा लग रहा है। उनकी आउट होने की शैली में एक पैटर्न दिख रहा है, जिसमें ऑफ़ स्टंप के बाहर की गेंदों को मारने की कोशिश शामिल है। 2014 में एमसीजी में उन्होंने 169 और 54 रन बनाकर शानदार प्रदर्शन किया था। 2018 में 82 रनों की मेहनती पारी ने ऐतिहासिक जीत की नींव रखी थी। 2024 उनके लिए क्या लेकर आएगा?
चौथे टेस्ट में क्या हो सकता है भारत और ऑस्ट्रेलिया का प्लेइंग XI
कॉन्स्टास के डेब्यू की पुष्टि हो चुकी है, जबकि बोलैंड चोटिल जोश हेजलवुड की जगह लेंगे। हेड ने फ़िटनेस टेस्ट पास कर लिया है।
ऑस्ट्रेलिया: 1 उस्मान ख़्वाजा, 2 सैम कॉन्स्टास, 3 मार्नस लाबुशेन, 4 स्टीवन स्मिथ, 5 ट्रैविस हेड, 6 मिचेल मार्श, 7 एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), 8 पैट कमिंस (कप्तान), 9 मिचेल स्टार्क, 10 नाथन लियोन, 11 स्कॉट बोलैंड
रोहित शर्मा की बल्लेबाज़ी पोज़ीशन चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन संभावना है कि भारत अपनी ओपनिंग जोड़ी को नहीं तोड़ेगा। एक और महत्वपूर्ण चर्चा नंबर 8 की है: क्या नीतीश कुमार रेड्डी को बरकरार रखा जाए या एक और तेज़ गेंदबाज़ को टीम में शामिल किया जाए (जिससे निचला क्रम लंबा हो जाएगा), या वॉशिंगटन सुंदर को एक विकल्प के रूप में शामिल कर 3-2 का संतुलन बनाया जाए?
भारत (संभावित): 1 यशस्वी जायसवाल, 2 केएल राहुल, 3 शुभमन गिल, 4 विराट कोहली, 5 ऋषभ पंत (विकेटकीपर), 6 रोहित शर्मा (कप्तान), 7 रवींद्र जडेजा, 8 नीतीश कुमार रेड्डी/वॉशिंगटन सुंदर, 9 आकाश दीप, 10 जसप्रीत बुमराह, 11 मोहम्मद सिराज।
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