सुप्रीम कोर्ट ने अफसोस जताते हुए कहा, हाईकोर्ट के कई न्यायाधीशों को मिल रही ‘दयनीय’ पेंशन
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाईकोर्ट के कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को 10 से 15 हजार रुपए तक की मामूली पेंशन दिए जाने पर बुधवार को अफसोस जताते हुए इसे ‘दयनीय’ स्थिति बताया।
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न्यायालय ने प्राधिकारियों से कहा कि वे ‘कानूनी दृष्टिकोण’ अपनाने के बजाय ‘मानवीय दृष्टिकोण’ अपनाएं।
न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. वी. विनाथन की पीठ हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को देय अलग-अलग पेंशन के मुद्दे से जुड़ीं याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
इसका एक प्रमुख कारण यह है कि जिला न्यायलय से पदोन्नति पाकर हाईकोर्ट के न्यायाधीश बनने वाले नयी पेंशन योजना के अंतर्गत आते हैं जबकि, जो लोग बार से हाईकोर्ट में पदोन्नत हुए हैं, वे पुरानी पेंशन योजना के लाभार्थी है, जिसके कारण हाईकोर्ट के दो न्यायाधीशों को देय पेंशन में असंतुलन पैदा हो गया।
न्यायालय ने बुधवार को कहा, आप हर मामले में कानूनी दृष्टिकोण नहीं अपना सकते। कभी-कभी आपको मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत होती है। हाईकोर्ट के कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को 10,000 से 15,000 रुपए के बीच पेंशन मिलने की बात पर गौर करते हुए पीठ ने कहा, यह दयनीय है।
अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और अनुरोध किया कि इस पर जनवरी में सुनवाई की जाए। वेंकटरमणी ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करेगी। पीठ ने कहा, आप उन्हें (सरकार को) समझाएं कि (इस मामले में) हमारे हस्तक्षेप से बचा जाए तो बेहतर है।
पीठ ने कहा कि मामले का फैसला व्यक्तिगत मामलों के आधार पर नहीं किया जाएगा और शीर्ष अदालत जो भी आदेश देगी, वह सभी हाईकोर्ट के न्यायाधीशों पर लागू होगा।
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ जनवरी की तारीख तय की। मार्च में एक अलग याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा था कि हाईकोटरे के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के पेंशन लाभ की गणना में इस आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता कि वे बार या जिला न्यायपालिका से पदोन्नत हुए हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा था कि जिला अदालत से पदोन्नत हुए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के पेंशन लाभों की गणना हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उनके अंतिम वेतन के आधार पर की जानी चाहिए।
नवंबर में इस मामले में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने इस बात पर हैरानी जताई थी कि हाईकोर्ट के कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को 6,000 से 15,000 रुपए के बीच मामूली पेंशन मिल रही है।
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