ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज (मंगलवार) सुनवाई होगी। हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल की गई याचिका पर 22 नवंबर को सर्वोच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को नोटिस जारी किया था। इस नोटिस पर भी सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है।
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मुस्लिम पक्ष और हिंदू पक्ष की कुल सात याचिकाओं पर सुनवाई होगी। इसमें से अपनी 6 याचिकाओं में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अलग-अलग आदेशों को चुनौती दी गई है। जिसमें हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल मुकदमों को सुनवाई योग्य मानने का इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश, व्यास जी के तहखाने में पूजा की अनुमति, वजूखाना के सर्वे की इजाजत, आदि शामिल है।
22 नवंबर को कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा था, “हिंदू पक्ष द्वारा यह मामला सुप्रीम कोर्ट में ले जाया गया है। वजू खाना में शिवलिंग का अभी-भी पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वेक्षण नहीं हुआ है। इससे यह साफ हो सके कि यह शिवलिंग है या फव्वारा। मुख्य गुंबद के नीचे जो ज्योतिर्लिंग है, उसका भी सर्वे नहीं हो पाया है। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी।"
बता दें कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय के 2022 में दिए गए एक आदेश के अनुसार वजूखाने वाला क्षेत्र अभी सील है और अब हिन्दू पक्ष इस आदेश में बदलाव की मांग कर रहा है। सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा था कि हिन्दू पक्ष सील किए गए वजूखाने के क्षेत्र का एएसआई सर्वे कराना चाहता है। जिला अदालत ने इस मांग को नकार दिया था, लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इसे मंजूरी दे दी थी।
इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हिन्दू पक्ष के वकील ने यह भी बताया था कि वाराणसी के ट्रायल कोर्ट में लंबित 15 मामलों को हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने की उनकी याचिका अब तक सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हो सकी है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी मामले से संबंधित सभी मामलों का एक चार्ट तैयार किया जाएगा, जिससे सुनवाई के तरीके को निर्धारित किया जा सके।
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