1984 Riots : सज्जन कुमार के खिलाफ फैसला 8 जनवरी तक के लिए टला, पिता-पुत्र की हत्या का है केस

Last Updated 16 Dec 2024 11:17:13 AM IST

दिल्ली की एक अदालत पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में संभवत: अगले साल आठ जनवरी को फैसला सुनाएगी।


विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा को सोमवार को फैसला सुनाना था लेकिन उन्होंने इसे टाल दिया। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आठ जनवरी अगली तारीख है।’’

कुमार वर्तमान में तिहाड़ केंद्रीय जेल में बंद हैं। वह वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश हुए।

यह मामला सिख-विरोधी दंगों के दौरान सरस्वती विहार इलाके में दो लोगों की कथित हत्या से जुड़ा है।

अदालत ने एक नवंबर, 1984 को जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की कथित रूप से कर दी गयी हत्या से संबंधित मामले में अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

शुरू में पंजाबी बाग थाने ने मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच अपने हाथ में ले ली थी।

अदालत ने 16 दिसंबर, 2021 को कुमार के खिलाफ आरोप तय किए थे। इससे पहले अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि ‘‘प्रथम दृष्टया’’ उनके विरूद्ध मामला बनता है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, घातक हथियारों से लैस एक विशाल भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए बड़े पैमाने पर लूटपाट एवं आगजनी की थी और सिखों की संपत्तियों को नष्ट कर दिया था।

अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि भीड़ ने शिकायतकर्ता जसवंत की पत्नी के घर पर हमला किया तथा उसके पति और बेटे की हत्या कर दी, सामान लूट लिया और उनके घर को आग लगा दी।

कुमार के खिलाफ मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि ‘‘प्रथम दृष्टया यह राय बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री पाई गई थी कि कांग्रेस नेता कुमार इसमें न केवल शामिल थे, बल्कि उन्होंने भीड़ का नेतृत्व भी किया था।’’
 

भाषा
नई दिल्ली


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